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Ayodhya Ram Temple: आज से अयोध्या में बनना शुरू होगा राम मंदिर का गर्भगृह, सीएम योगी रखेंगे पहली शिला

रामलला के मंदिर का निर्माण शुरू होने के मौके पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, न्यास के महामंत्री चंपत राय और तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर करीब 250 साधु-संतों को भी निमंत्रण दिया गया है।

अयोध्या। यूपी के अयोध्या में आज से राम मंदिर के गर्भगृह और नाट्य मंदिर बनाने का काम शुरू होगा। अगले साल यानी 2023 के दिसंबर तक गर्भगृह, नाट्यमंदिर और मंदिर का पहला तल बनकर पूरा होगा। जिसके बाद 2024 के जनवरी महीने में भगवान रामलला को मकर संक्रांति के दिन मंदिर में विराजमान किए जाने की योजना है। अब तक मंदिर की नींव और प्लेटफॉर्म बन रहा था। ये काम पूरा हो चुका है। मुख्य मंदिर के निर्माण की पहली शिला यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ रखेंगे। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला के मंदिर का शिलान्यास किया था। सीएम योगी सुबह करीब सवा 9 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। वो पहले हनुमान गढ़ी जाकर दर्शन और पूजा करेंगे। फिर सुबह 9.30 बजे राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के मंदिर के निर्माण के लिए मंत्रोच्चारण के बीच पहली ईंट रखेंगे। दोपहर 12.10 बजे योगी रामलला सदन प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी शामिल होंगे।

Ram temple

रामलला के मंदिर का निर्माण शुरू होने के मौके पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, न्यास के महामंत्री चंपत राय और तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर करीब 250 साधु-संतों को भी निमंत्रण दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था। इसके बाद से ही राम मंदिर के नींव को बनाने का काम भूमिपूजन कराकर शुरू कर दिया गया था। ये नींव कई स्तर की और कंक्रीट से बनाई गई है। मंदिर में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। ये पत्थर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए जा रहे हैं। मंदिर के भीतर सफेद संगमरमर का इस्तेमाल होगा।

RAM TEMPLE

 

पहले मंदिर का डिजाइन बना था, वो 128 फुट ऊंचा, 140 फुट चौड़ा और 255 फुट लंबाई का था। अब इसे बदलकर 161 फुट ऊंचाई, 255 फुट चौड़ाई और 350 फुट लंबाई का मंदिर बनना है। रामलला के मंदिर में कुल 4 लाख घन फुट पत्थर लगेंगे। अयोध्या के रामकथा कुंज में पत्थरों को गढ़ने का काम दिन-रात जारी है। ये काम साल 1988 से ही हो रहा है। एक पत्थर पर 2 कारीगर नक्काशी करते हैं। फिलहाल 20 कारीगर इस काम को कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ाकर 100 की जाएगी।