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Azam Vs Yogi: आजम खान को एक और बड़ा झटका देने वाली है योगी सरकार, जानिए क्या छीनने की है तैयारी!

आजम खान पर इससे पहले बकरी चोरी और सरकारी जमीन को कब्जे में लेकर मौलाना मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय में मिलाने जैसे आरोप लगे थे। इसके अलावा प्राचीन किताबों की चोरी का भी आरोप आजम खान पर लगा था। उनपर योगी सरकार के दौर में एक के बाद एक 90 से ज्यादा केस दर्ज हुए।

रामपुर। सपा के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे आजम खान पर मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। एक तो 100 के करीब केस उनपर दर्ज हो चुके हैं। अब उनके मौलाना जौहर अली ट्रस्ट से मौलाना जौहर अली प्रशिक्षण और शोध संस्थान भी वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये खबर हिंदी अखबार ‘हिंदुस्तान’ ने दी है। अखबार के मुताबिक आजम खान ने ट्रस्ट के जरिए मौलाना जौहर अली प्रशिक्षण और शोध संस्थान चलाने के लिए यूपी सरकार से मंजूरी हासिल की थी। इसके तहत उर्दू, अरबी और फारसी में उच्च शिक्षा और रिसर्च का काम कराना था। ऐसा न करके आजम ने सभी विषयों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा जुड़वा दिया।

azam khan jauhar university

अखबार की खबर के मुताबिक आजम ने संस्थान चलाने के लिए नियम तो तोड़ा ही, साथ ही कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन से संस्थान के लिए हर साल 100 रुपए की लीज दर से जमीन भी ले ली। इसका खुलासा यूपी सरकार की एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में दी है। जिसके बाद रामपुर के डीएम से योगी सरकार ने जानकारी मांगी है। आजम खान ट्रस्ट के आजीवन प्रमुख हैं। अखबार के मुताबिक जौहर शोध संस्थान की बिल्डिंग में आजम का रामपुर पब्लिक स्कूल चल रहा है। यूपी की योगी सरकार अब आजम को मिली लीज को खत्म कर शोध संस्थान और इसकी बिल्डिंग अपने कब्जे में लेने की तैयारी में है।

azam khan

आजम खान पर इससे पहले बकरी चोरी और सरकारी जमीन को कब्जे में लेकर मौलाना मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय में मिलाने जैसे आरोप लगे थे। इसके अलावा प्राचीन किताबों की चोरी का भी आरोप आजम खान पर लगा था। उनपर योगी सरकार के दौर में एक के बाद एक 90 से ज्यादा केस दर्ज हुए। आजम को काफी वक्त तक जेल में भी रहना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो बाहर आ सके थे। फिलहाल आजम न तो सांसद हैं और न ही विधायक हैं।