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UP Election 2022: चुनाव से पहले सपा के साथ अपशगुन, अखिलेश द्वारा अनावरण हुआ भगवान परशुराम का फरसा टूटकर नीचे गिरा

UP Assembly Election : आयोग के मुताबिक, सात चरणों में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव मुकम्मल कराए जाने की योजना है। आगामी 10 फरवरी से सूबे में चुनावी शंखनाद होने जा रहा है। सूबे के इस चुनावी दंगल अपनी जीत दर्ज कराने के लिए सभी सियासी दलों के सियासी सूरमा अपनी जीत दर्ज कराने के लिए सारे दांवपेंच आजमा रहे हैं।

नई दिल्ली। आखिरकार वो लम्हा…वो घड़ी…वो पहर…वो बेला…आ ही गई…जिसका हम सभी को बेसब्री से इंतजार था…जिसका इंतजार था देश-प्रदेश के सियासी सूरमाओं को…जिसका इंतजार था सूबे की 20 करोड़ आबादी को…जिसका इंतजार था उन सभी सियासी सूरमाओं को जो केंद्रीय सत्ता तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करने की चाहत लिए हुए हैं…अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर किस लम्हें का इंतजार था देश-प्रदेश के सियासी सियासी समेत सूबे की 20 करोड़ जनता को.. तो पढ़िए ध्यान से…इंतजार था उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का…जिनकी तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग की तरफ से किया जा चुका है…बीते दिनों चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की पूरी रूपरेखा पेश कर दी थी।

Delhi Election

आयोग के मुताबिक, सात चरणों में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव मुकम्मल कराए जाने की योजना है। आगामी 10 फरवरी से सूबे में चुनावी शंखनाद होने जा रहा है। सूबे के इस चुनावी दंगल में अपनी जीत दर्ज कराने के लिए सभी सियासी दलों के सियासी सूरमा अपनी जीत दर्ज कराने के लिए सारे दांवपेंच आजमा रहे हैं, जो उनके लिए सत्ता सुख भोगने का मार्ग प्रशस्त करने में निर्णायक भूमिका निभा सकें।

जानिए सभी सियासी दलों का गणित

इस चुनावी दंगल में अपनी जीत दर्ज कराने के लिए जहां सपा की तरफ से यादवों को रिझाने की कवायद शुरू हो चुकी है, तो बसपा और बीजेपी की तरफ से भी अपने परंपरागत वोटरों को लुभाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में कुछ सियासी सूरमा ऐसे भी हैं, जो अपने पुराने सियासी उसूलों से समझौता कर दूसरे सियासी दलों के परंपरागत वोटों में सेंधमारी करने की कारस्तानी में जुट गए हैं।

Uttrakhand election

इसी बीच बीते दिनों समाजवादी पार्टी की तरफ से ब्राह्मण वोटों को रिझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन अफसोस सपा के सियासी सूरमा अपनी इस कोशिश में नाकाम हो गए। आइए, आगे आपको इसके बारे में तफसील से बताए चलते हैं।


दरअसल, बीते दिनों अखिलेश यादव की तरफ से ब्राह्मण वोटों को रिझाने के लिए फरसा का अनावरण किया गया था। यह कहने में किसी को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए इस फरसे का अनावरण ब्राह्मण वोटरों को रिझाने के ध्येय से किया गया था, लेकिन अफसोस इस फरसे ने अखिलेश यादव के सपने को कांच की तरह टूटकर चकनाचूर कर दिया। वो कैसे, तो वो ऐसे कि अखिलेश यादव द्वारा अनावरण किया गया फरसा टूट गया। जिसका वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपना रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इस फरसे ने अखिलेश यादव के ब्राह्मण  वोटरों के बीच जगह बनाने की उनकी कोशिशों पर पानी फेरकर रख दिया। अब ऐसे में आगे चलकर उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के ध्येय से अखिलेश यादव की तरफ से ब्राहण वोटरों को रिझाने के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, फिलहाल इतना साफ है कि इस टूटे फरसे ने अखिलेश यादव के सपनों को चकनाचूर करके रख दिया।