नई दिल्ली। हिंदू धर्म के संदर्भ में अभद्र टिप्पणी करने के आरोपों में घिरे मोहम्मद जुबैर सलाखों के पीछे है। अब पटियाला हाउस कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को जमानत दे दी है। कोर्ट की तरफ से जुबैर को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। शुक्रवार को ऐडिशनल सेशंस जज देवेंद्र कुमार जांगला ने अपना फैसला सुनाया। एक दिन पहले गुरुवार को अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। भले ही कोर्ट की तरफ से जुबैर को जमानत दे दी है लेकिन ये शर्त के साथ मिली है कि वो बिना किसी इजाजात के देश के बाहर नहीं जा सकेंगे।
आपको बता दें, इससे पहले 2 जुलाई को चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेरट स्निग्धा सरवरिया ने जुबैर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। मोहम्मद जुबैर को पिछले महीने 27 तारीख को गिरफ्तार किया गया था। जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था। दिल्ली पुलिस ने 2018 के कथित रूप से जुबैर को एक आपत्तिजनक ट्वीट से दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आईपीसी की धारा 153/295ए के तहत जुबैर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। यूपी पुलिस ने भी जुबैर पर 6 FIR दर्ज कर रखी हैं। सीतापुर वाले एक मामले में जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। भले ही दिल्ली वाली FIR में जुबैर को जमानत मिली गई हो लेकिन अभी भी वो जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे। इसकी वजह ये है कि उनकी रिमांड पहले से ही यूपी पुलिस के पास है। जुबैर की तरफ से SC में एक और याचिका डाली गई है कि यूपी पुलिस वाली सभी 6 FIRs रद्द की जाएं।
जुबैर के खिलाफ 6 शहरों में 7 मुकदमे
राजधानी दिल्ली में FIR के अलावा मोहम्मद जुबैर के खिलाफ यूपी के सीतापुर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी और हाथरस जिलों में भी मामले दर्ज हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के लिए SIT का गठन किया है। अब मोहम्मद जुबैर ने इन्हीं यूपी में दर्ज सभी छह एफआईआर को रद्ध करने की गुहार सुप्रीम कोर्ट में लगाई है। इससे पहले, जुबैर ने सीतापुर में दर्ज केस को रद्द करने की अर्जी लगाई गई थी और प्रोटेक्शन की भी मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को अगले आदेश तक सीतापुर केस में प्रोटेक्शन दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में वो जवाब दाखिल करना चाहते हैं। कोर्ट ने इसके लिए चार हफ्ते का वक्त दिया था। सीतापुर में दर्ज केस से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अगले आदेश तक अंतरिम जमानत देते हुए सुनवाई 7 सितंबर के लिए टाल दी थी।