नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर जिले में हावड़ा से चेन्नई आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दो अन्य ट्रेनों से टकराकर हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे की जद में आकर 250 से भी अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, तो वहीं 900 से भी अधिक लोग घायल हो चुके हैं। घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां उनका उपचार जारी है। उधर रेलवे की ओर से इस भयावह हादसे पर कोई भी बयान देने से गुरेज किया जा रहा है। फिलहाल रेलवे की ओर से हादसे की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह भीषण हादसा मानवीय चूक के कारण हुआ या तकनीकी खामी की वजह से?
अब यह तो फिलहाल जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि इस हादसे को लेकर कुछ तथ्य सामने आए हैं, जिनके जरिए यह जानने का प्रयास करेंगे कि इस हादसे की मूल वजह क्या रही है ? लेकिन, उससे पहले आपको यह बता दें कि मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची, जहां उन्होंने मीडिया से सिर्फ इतना ही कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी हो सकती है। उधर, विपक्ष की तरफ से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा भी मांगा जा रहा है। वहीं, पीएम मोदी भी घायलों से मुखातिब होने के लिए रवाना हो चुके हैं। इससे पहले उन्होंने ट्वी़ट कर हादसे पर दुख जताया था और जांच के निर्देश दिए थे।
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बैक टू बैक कैसे यह दुर्घटनाएं हुईं? दुर्घटना को लेकर एक सवाल यह भी है कि कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस स्थिर मालगाड़ी के समान ट्रैक पर कैसे थी। यह तकनीकी खराबी थी या मानवीय भूल? या कोई सिग्नल त्रुटि की वजह से यह सबकुछ हुआ था। फिलहाल तब तक इस पर कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा, जब तक इसकी जांच संपन्न नहीं हो जाती है। सनद रहे कि रेल मंत्रालय की ओर से देशभर में ट्रेन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के ध्येय से सभी ट्रेनों में सुरक्षा कवच लगाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। दरअसल, जब ट्रेन पार करती है, तो यह कवच अलर्ट करता है। इस तकनीक को ड्राइवर को सचेत करने के लिए शुरू किया गया है। अब इस ट्रेन हादसे में इस तकनीक की क्या भूमिका थी? यह भी जांच का विषय है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में जांच संपन्न होने के बाद क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।