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Bhima Koregaon: भीमा कोरेगांव केस में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, गौतम नवलखा का था ISI से संपर्क

Bhima Koregaon: NIA ने भीमा कोरेगांव(Bhima Koregaon) मामले में नवलखा की भूमिका को लेकर बताया कि, जांच के दौरान यह पाया गया कि उसके CPI (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था।

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले को लेकर एक ऐसी जानकारी सामने आई है, जो हर किसी को चौंका देगी। इस मामले की जांच कर रही NIA ने अपने चार्जशीट में सबसे बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि अब इस मामले के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े मिल रहे हैं। NIA के पूरक आरोप पत्र में सामने आया है कि इस जुड़ रहे तार के सूत्रधार थे सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा।  NIA ने दावा किया है कि नवलखा का संपर्क ISI से था। कहा गया है कि ISI ने उन्हें सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा था। बता दें कि 2 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद का मामला सुर्खियों में आया था। तब से इस केस में कई बड़े षड्यंत्र के खुलासे हो चुके हैं। इसके साथ ही इस मामले की जांच में कई बुद्धिजीवी माने जाने वाले लोगों, प्रमुख व्यक्तियों, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और उच्च पदों पर आसीन कई अधिकारियों के नाम भी षड्यंत्र में आ चुके हैं।

gautam navlakha

NIA द्वारा शुक्रवार को एक पूरक पत्र दाखिल किया गया जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू नक्सली क्षेत्रों में विदेशी मीडिया की यात्राओं के आयोजन में सहायक थे और उन्हें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

जिन लोगों के नाम आरोप पत्र में शामिल हैं, उनमें- नवलखा, बाबू, आनंद तेलतुम्बडे, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप, मिलिंद तेलतुम्बडे और स्टेन स्वामी। इन आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा की भूमिका को लेकर बताया कि, जांच के दौरान यह पाया गया कि उसके CPI (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था। NIA का दावा है कि, नवलखा को सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था। वह कुछ तथ्य-खोज समितियों का हिस्सा थे और उन्हें CPI (माओवादी) की गुरिल्ला गतिविधियों के लिए कैडर भर्ती करने का काम सौंपा गया था।