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Rajasthan: भूपेंद्र हुड्डा ने मंहगाई हटाओ रैली से पहले अशोक गहलोत को दी नसीहत, राजस्थान में खेती पहले भी महंगी थी, आज भी महंगी है

जयपुर में होने जा रही कांग्रेस की महारैली के लिए राजस्थान सरकार ने सरकारी खजाने का जमकर उपयोग किया है. पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार की ओर से तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा नेताओं को स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया है।

नई दिल्ली।  डीजल-पेट्रो महंगे होने किसानों पर इसका बोझ पड़ रहा है इसमें कोई दो मत नहीं है लेकिन जहां पर राज्य सरकारों ने VAT कम नहीं किया हुआ है, वहां पर किसानों पर महंगाई की मार अधिक पड़ रही हैं।  बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस महंगाई हटाओ रैली का आयोजन कर रही हैं। इसी क्रम में राजस्थान में भी एक महंगाई हटाओ रैली रैली आयोजित की गई थी। रायपुर में आयोजित इस रैली में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री पेन्द्र सिंह हुड्डा भी पहुंचे थे।  जहां उन्होंने अन्य राज्यों के सीएम के साथ राजस्थान के सीएम को नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि राजस्थान में खेती पहले भी महंगी थी आज भी महंगी है।

bhupendra singh hudda

दरअसल महंगाई हटाओ रैली में शामिल होने के लिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजस्थान पहुंचे थे. जहां उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के लिए राज्य सरकारों के VAT को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेता हुड्डा ने कहा कि राजस्थान में कृषि का सौदा पहले भी महंगा था,आज भी महंगा है। क्योंकि पेट्रोल-डीजल पर वैट ज्यादा है। आज हालात ये हैं कि किसान की लागत बढ़ रही है और आमदनी घट रही है। इसलिए सभी राज्य सरकारों को वैट कम कर किसानों को राहत देनी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस दौरान केंद्र सरकार पर भी हमला बोला।

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इतना ही नहीं, जयपुर में होने जा रही कांग्रेस की महारैली के लिए राजस्थान सरकार ने सरकारी खजाने का जमकर उपयोग किया है. पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार की ओर से तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा नेताओं को स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया है। इन नेताओं में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल जैसे तमाम नेता शामिल है।

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वहीं करीब दो दर्जन नौकरशाहों को स्टेट गेस्ट के प्रोटोकॉल में तैनात किया गया है, रैली समाप्त होने तक अधिकारी इन नेताओं के प्रोटोतॉल में रहेंगे। मतलब कांग्रेस की ‘महारैली’ के लिए नौकरशाहों और सरकार पैसे का उपयोग किया जा रहा है. हालांकि इस महारैली का क्या परिणाम निकलता है आने वाले वक्त में सामने आएगा।