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Punjab: चन्नी सरकार का गजब फरमान, कहा- जहां भी हो हमारा विरोध, बजाएं DJ

दरअसल, आज कल सीएम चन्नी अपने विरोध में हो रहे नारेबाजी से परेशान हो चुके हैं। कभी किसान आंदोलन की नुमाइंदगी करने वाले किसान नेता तो कभी सत्तारूढ़ दल के खिलाफ  मोर्चा खोलने की जिम्मेदारी लेने वाले  विपक्षी दलों के विरोध का उन्हें सामना करना पड़ता है।

नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आज कल अपने विरोध में हो रहे नारेबाजी से इस कदर परेशान हो चुके हैं कि उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए। जहां जाते हैं, वहीं उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाता है। ऐसे में इस गजब की तिस्लम भरी दुनिया में फंस चुके सीएम साहब ने अब इससे बाहर निकालने के लिए उन्होंने बड़ा ही गजब का रास्ता निकाल लिया है। उन्होंने अपने आलाधिकारियों को साफ फरमान जारी कर दिया है कि जहां कहीं भी हमारा विरोध होता दिखे वहां धार्मिक गाना चला दिया जाए, ताकि लोग खुद वो खुद वहां से रूखसत हो जाए। सीएम कार्यालय की तरफ से  साफ निर्देश में दिया गया है कि जहां कहीं सीएम चन्नी के विरोध में लोग नारेबाजी करते  या आलोचना करते हुए दिखे  वहीं गुरबानी या मजहबी गाना चला दिया जाए, ताकि लोगो सीएम के खिलाफ नारेबाजी करने में दिक्तत हो और वो वहां से खुद व खुद चले जाए।

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खैर, अब उनके इस निर्देश पर लोगों की क्या कुछ प्रतिक्रिया रहती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा और क्या उनका द्वारा जारी किया गया विरोध आने वाले दिनों में क्या रुख अख्तिय़ार करता है। क्या उनके द्वारा जारी किया गया फरमान उनके उन्हें अपने विरोध में हो रहे नारेबाजियों से निजात दिला पाने काम में करेगा। फिलहाल, तो यह आने वाला वक्त ही बताएगा। आइए, थोड़ा इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि आखिर सीएम साहब को क्यों देना पड़ गया ऐसा फरमान?

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दरअसल, आज कल सीएम चन्नी अपने विरोध में हो रहे नारेबाजी से परेशान हो चुके हैं। कभी किसान आंदोलन की नुमाइंदगी करने वाले किसान नेता तो कभी सत्तारूढ़ दल के खिलाफ  मोर्चा खोलने की जिम्मेदारी लेने वाले  विपक्षी दलों के विरोध का उन्हें सामना करना पड़ता है।  जिससे परेशा न  होकर अब उन्होंने बड़ा ही गजब का रास्ता निकालते हुए मजहब का  सहारा ले लिया है।  वहीं, सीएम कार्यालय की तरफ से जारी किए गए आदेश को ध्यान में रखते हुए अब सूबे के विपक्षी दलों इसे संविधान द्वारा दिए जा रहे अभिव्यक्ति की आजादी  को कुठाराघात बता रहे हैं।

विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार अपने इस आदेश की जरिए आम जनता को दिए जाने वाले अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात करार  दे रहे हैं। बता दें कि  पंजाब में कुछ माह बाद चुनावी बिगुल  बजने वाला है जिसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश  सरकार की तरफ एक-एक कदम फूंक-फूंक रखा जा र हा है, क्योंकि सरकार इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि उनकी गलत एक गलती, उन्हें चुनाव में भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

आखिर क्या है पूरा माजरा 

वहीं, अगर पूरे माजरे की बात करें, तो पिछले कुछ दिनों से पंजाब के शिक्षम 7वां वेतन आयोग लागू करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकगण अपने विरोध के जरिए सरकार से सांतवा वेतन आयोग लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सीएम की तरफ अभी तक शिक्षकों की मांग पर कान लगना तो दूर बल्कि थोड़ी-सी भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई है। लिहाजा, जहां कहीं भी सीएम जाते हैं, वहीं उनके खिलाफ शिक्षकों की तरफ से मोर्चा खोल दिया जाता है, जिससे उन्हें परेशानी भी होती है, लिहाजा अब उन्होंने अपने खिलाफ हो रही इन्हीं नारेबाजियों से निजात पाने के लिए इस तरह का फरमान सुना दिया है। अब देखना होगा कि उनका यह फरमान आगे चलकर क्या रूख अख्तियार कर रहे हैं। बता दें कि उनके इस फरमान को लेकर विरोधी दल इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं।