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Ayodhya: रामनगरी में 23 जुलाई को होने वाले BSP के “विशाल ब्राह्मण सम्मेलन” में इस वजह से हुआ बड़ा परिवर्तन

Ayodhya: इस संगोष्ठी में बसपा को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि यह 23 जुलाई(शुक्रवार) को तारा जी रिजॉर्ट, देवकाली बाईपास, में होगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं, ऐसे में यूपी में जातीय समीकरण पर राजनीतिक दलों द्वारा पूरा निशाना साधा जा रहा है। वहीं पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी की तरफ से ऐलान किया गया था कि, बसपा 23 जुलाई को धर्म नगरी अयोध्या में एक विशाल ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही है। इस सम्मेलन को लेकर पार्टी की तरफ से अब बदलाव किया गया है। बता दें कि इस सम्मेलन की जगह अब “विचार संगोष्ठी” होगी। इस बदलाव के पीछे जो कारण माना जा रहा है कि वो ये कि हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने बसपा के इस कार्यक्रम की शिकायत जिला प्रशासन से की थी। इसके अलावा न्यायालय की एडवाइजरी बताए जाने पर बसपा ने अपने इस कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है। वहीं अब यह कार्यक्रम तारा जी रिसॉर्ट में होगा। इस संगोष्ठी को अनुमति तो मिल गई है लेकिन साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी कहा गया है। बता दें कि अयोध्या में बसपा ब्राह्मण सम्मेलन की जिला प्रशासन ने इसको लेकर अनुमति दी है। जिसमें अब कोविड प्रोटोकॉल के तहत केवल 50 लोगों को शामिल करने की अनुमति होगी।

BSP Chief Mayawati

इस संगोष्ठी में बसपा को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि यह 23 जुलाई(शुक्रवार) को तारा जी रिजॉर्ट, देवकाली बाईपास, में होगा। इस संगोष्ठी का उद्देश्य अब बदल दिया गया है। अब यह प्रबुद्ध समाज के सम्मान सुरक्षा व तरक्की पर होगी। इसके अलावा 23 जुलाई की शाम अयोध्या धाम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र सरयू आरती भी करेंगे।

 

बता दें कि वर्ष 2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा जातीय सम्मेलनों पर रोक लगाई गई थी। हाई कोर्ट के आदेश के निहित इसे संज्ञान में लेते हुए बसपा ने अपने बैनर पर अब ब्राह्मण समाज के सम्मान सुरक्षा व तरक्की को लेकर विचार संगोष्ठी लिखा है।