लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाथरस को लेकर तमाम राजनीतिक दल पिछले कई दिनों से योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हाथरस पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद रही है। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, “मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिला और उनका दर्द समझा। मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि हम इस मुश्किल वक़्त में उनके साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने में पूरी मदद करेंगे। UP सरकार चाह कर भी मनमानी नहीं कर पाएगी क्यूँकि अब इस देश की बेटी को इन्साफ़ दिलाने पूरा देश खड़ा है।” आपको बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम में अब कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गौरतलब है कि पूरे हाथरस मामले को लेकर योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग भी मिले हैं।
बता दें कि हाथरस मामले को लेकर जो खुफिया जांच रिपोर्ट योगी सरकार को भेजी गई उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। राज्य में जाति आधारित दंगे कराने मंशा के चलते साजिश रची तो गई लेकिन योगी सरकार की सतर्कता से यूपी में जातीय विद्धेष फैलाने की साजिश नाकाम हुई। खुफिया रिपोर्ट की मानें तो प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश भी रची गई थी। इसके लिए बकायदा 100 करोड़ की फंडिंग की बात भी सामने आई है।
बिंदुवार समझें चौंकाने वाले तथ्य
- हाथरस मामले में पूरी तरह से अफवाह फैलाने की साजिश रची गई। इसके तहत पीड़ित लड़की की जीभ काटे जाने, अंग-भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर हुई नफरत की आग भड़काने की कोशिश की गई
- हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में थी जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश। दंगे भड़काने के लिए लिया गया अफवाहों और फर्जी सूचनाओं का सहारा लिया गया। सोशल मीडिया का हुआ दुरूपयोग, प्रमाण मिलने पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज हुआ है।
- इस साजिश में पीएफआई, एसडीपाई के अलावा वो माफिया भी हैं जो सरकार के निशाने पर रहे हैं। इन सबकी मिलीभगत के मिले ठोस सुराग भी मिले हैं। प्रदेश में अराजकता पैदा करने के लिए की गई बड़े पैमाने पर फंडिंग हुई।
- साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी मिले सबूत। उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने, उपद्रवियों से वसूली कराए जाने और घरों की कुर्की कराने जाने की सीएम योगी की सख्त कार्रवाइयों से परेशान तत्वों ने रची यूपी में बड़ी साजिश रचने की कोशिश की।
- मामलो को गंभीर बनाने के लिए और अफवाह फैलाने के लिए कई सारे वैरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया। जांच एजेसियां वैरिफाइड अकाउंट का ब्यौरा तैयार करने में जुटीं हैं।
- अफवाहों को फैलाने के लिए झूठी तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। नफरत पैदा करने के लिए चंडीगढ़ की घटना की मृतका की तस्वीरें हाथरस की बेटी की बताकर वायरल किया गया।
- इसमें एक बड़े न्यूज चैनल के स्कीनशॉट को एडिट करके नफरत भरे पोस्टर तैयार किए गए, जिसपर मुकदमा दर्ज किया गया।
- दंगे भड़काने की साजिश के लिए तमाम आपत्तिजनक और फोटोशॉप्ड तस्वीरों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ। यूपी साइबर सेल ने इसको लेकर कई मामले दर्ज किए। धरपकड़ के लिए टीमें लगीं हुई हैं।
- हाथरस के पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश का भी पर्दाफाश हुआ। इसके सबूत के तौर पर कई ऑडियो टेप भी मिले हैं।
- जांच एजेंसियों ने इन ऑडियो टेप को भी संज्ञान में लिया है, इसकी जांच की जा रही है। ऑडियो टेप में कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही कुछ पत्रकारों की भी आवाज सुनाई दे रही है।
- ऑडियो टेप में पीड़ित परिवारों को सरकार के खिलाफ भड़काने के लिए पचास लाख से लेकर एक करोड़ तक का लालच दिया गया।
- इन ऑडियो टेप में एक महिला पत्रकार ने सीएम से पीड़ित परिवार की बातचीत के तुरंत बाद परिवार को भड़काने की कोशिश की। पत्रकार ने कहा कि अगर सीएम की बात मान ली तो पुलिस उल्टे तुम्हें ही अपराधी साबित कर देगी। इस बातचीत के बाद परिवार दहशत में आ गया। ऑडियो टेप की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आते ही जांच एजेंसियां भड़काने वालों का पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में हैं।