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Fact Checking: मोदी सरकार का शराबियों को बड़ा तोहफा, दिया शराब की पाइप लाइन देने का फैसला, मांगा आवेदन? जानिए सच

उधर, जैसे ही यह खबर आई तो लोगों के जेहन में आतुरता कै सैलाब यह जानने के लिए अपने चरम पर पहुंच गया कि आखिर मोदी सरकार क्या वाकई में ऐसा करने जा रही है। खबर की ऐसी चमत्कारिक प्रकृति को ध्यान में रखते हुए यह सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होने लगी। लेकिन इस बात से भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि यह पूरा मसला भा काफी गंभीर था।

नई दिल्ली। आज की तारीख में सोशल मीडिया एक ऐसा मंच बन चुका है, जहां पर सूचनाओं का अथाह भंडार है, लेकिन वह सूचनाएं कितनी सार्थक और विश्वनीय हैं। यह विचार का विषय है, लिहाजा सोशल मीडिया पर मौजूद सूचनाओं को विश्वनीयता के लबादे में ओढने से पहले उसे परिमार्जित किया जाना आवश्यक है, अन्यथा यह हमारे पाठकों को दिगभ्रमित कर सकती है और कई बार ऐसा होता हुआ भी देखा गया है। अब इसी बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसी ही खबर प्रकाश में आई कि लोगों के होश फाख्ता हो गए। अगर आपको भी पता लग गया तो होश फाख्ता हो जाएंगे। अब करे तो करे क्या। कंबख्त यह खबर ही ऐसी है।

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दरअसल, खबर आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोज शराब पीने वालों के लिए शराब की पाइप लाइन कनेक्शन देने का फैसला किया है। आगे कहा गया है कि जो कोई भी इच्छुक हो वो 11000 रूपए का डिमांड ड्राफ्ट को भरकर आवेदन पत्र को भरकर प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा कराए। आवेदन प्राप्त होने के एक माह बाद निरीक्षण करके घऱ पर मीटर के साथ शराब की पाइप लाइन को जोड़ दिया जाएगा। बाद में खपत के हिसाब से ही घर पर बिल आ जाएगा। उधर, जैसे ही यह खबर आई तो लोगों के जेहन में आतुरता का सैलाब यह जानने के लिए अपने चरम पर पहुंच गया कि आखिर मोदी सरकार क्या वाकई में ऐसा करने जा रही है। खबर की ऐसी चमत्कारिक प्रकृति को ध्यान में रखते हुए यह सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होने लगी। लेकिन इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि यह पूरा मसला भा काफी गंभीर था।

लिहाजा, इसकी विश्वनीयता को बरकरार रखने के लिए यह अनिवार्य था कि इसकी फैक्ट चेकिंग की जाए, तो पीआईबी ने बाकायदा इसकी फैक्ट चेकिंग की, जिसमें इस खबर को पूरी तरह निराधार, असत्य, अपुष्ट करार दे दी गई। और लोगों से इस पर ध्यान नहीं देने की अपील की गई। बता दें कि बीते दिनों में भी इस तरह की कई खबरें सोशल मीडिया के जरिए लोगों को दिगभ्रमित कर चुके हैं, जिसके बाद पीआईबी द्वारा इसकी परिमार्जित किए जाने के बाद पूरी तरह से निराधार करार दिया गया है। उम्मीद है कि आप इस खबर के पीछे के असल किरदार को समझ गए होंगे।