अयोध्या। यूपी के अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का काम तेज गति से चल रहा है। इस दौरान शुक्रवार को मंदिर निर्माण समिति और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बैठक के बाद मंदिर के बारे में अहम फैसला लिया गया है। ट्रस्ट ने जो फैसला लिया है, उससे राम जन्मभूमि स्थल दिखने में तो खूबसूरत होगा ही, शहर के लिए एक बड़े बाग की तरह भी काम करेगा। ट्रस्ट की बैठक गुरुवार से चल रही थी। बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया कि मंदिर परिसर के 70 फीसदी हिस्से में पेड़-पौधे और घास लगाई जाएगी। इससे यहां ठंडक बनी रहेगी और अयोध्या शहर की आबोहवा में भी बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी कई और अहम फैसले किए गए हैं।
बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र समेत सभी लोग थे। इस बैठक में ये भी तय हुआ है कि मंदिर परिसर की जो चारदीवारी यानी परकोटा होगा, उसमें 4 गेट लगवाए जाएंगे। पहले परकोटे में 1 ही गेट लगाने की बात थी। बैठक में ये पाया गया कि किसी इमरजेंसी की सूरत में एक ही गेट पर भीड़ का दबाव बढ़ जाएगा और उससे भक्तों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। ऐसे में जरूरत पड़ने पर दूसरे गेटों से उन्हें निकाला जा सकेगा। इसके बाद समिति ने चार गेट बनाने की मंजूरी दे दी। परकोटा 8 एकड़ में होगा। इसे अक्टूबर या नवंबर में बनाना शुरू किया जाएगा। बैठक में पार्किंग, शौचालय, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के बारे में भी विचार किया गया।
बैठक में राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, निर्माण करने वाली कंपनियों एलएंडटी और टाटा के अधिकारी भी थे। उन्होंने सभी को मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी दी। हर हाल में मंदिर का गर्भगृह और नाट्य मंदिर दिसंबर 2023 तक बन जाएगा। इसके बाद 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। बाकी मंदिर का काम चलता रहेगा। पूरा मंदिर 2025 तक बनाकर तैयार किया जाना है।