नई दिल्ली। Alt News के को फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और समाज में वैमनस्यता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट से मोहम्मद जुबैर को राहत मिली है। कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को जमानत दे दी है। बता दें, पिछले महीने 27 तारीख को मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया गया था। जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था। दिल्ली पुलिस ने 2018 के कथित रूप से जुबैर को एक आपत्तिजनक ट्वीट से दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आईपीसी की धारा 153/295ए के तहत जुबैर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। गिरफ्तारी के बाद देर रात एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष जुबैर को पेश किया गया था। जहां से उन्हें एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया। बाद में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने जुबैर की पुलिस हिरासत की अवधि को बढ़ाते हुए चार दिन कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पुलिस को आरोपी का फोन और लैपटॉप के बेंगलुरु घर से बरामद करना है।
आज मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज मामले में मोहम्मद जुबैर को पांच दिन की जमानत दे दी है। हालांकि यहां बता दें कि मोहम्मद जुबैर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। जुबैर दिल्ली पुलिस के न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
Supreme Court grants interim bail to Alt News’ co-founder Mohammad Zubair in the case registered against him in Sitapur, Uttar Pradesh; also issues notice to the UP police on Zubair’s plea challenging Allahabad High Court order. pic.twitter.com/xvnwwJr4hI
— ANI (@ANI) July 8, 2022
सुनवाई के दौरान जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने यूपी सरकार और पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कुछ शर्तों के साथ जुबैर को अंतरिम जमानत दी जा रही है। हालांकि जुबैर न्यायिक क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकेंगे। इसके साथ ही जब तक मामले में किसी तरह का फैसला नहीं होगा तब तक वो कोई ट्वीट नहीं करेंगे। उधर, तुषार मेहता ने गुजारिश की कि सोमवार तक अंतरिम आदेश को टाल दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया।
अपनी जान को बताया था खतरा
गुरुवार को फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अपनी याचिका में जुबैर ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द करने की मांग की है। 13 जून को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जुबैर की एक रिट याचिका खारिज कर दी थी।
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