नई दिल्ली। आरबीआई द्वारा 2000 के नोट को बंद करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Misra) का बड़ा बयान सामने आया है। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि नोटबंदी के दौरान पीएम मोदी 2 हजार रुपये के नोट चलने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने जब मैं प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव के पद पर काम कर रहा था तो उस समय डिमोनेटाइजेशन का निर्णय हुआ था। डिमोनेटाइजेशन के निर्णय में पुराने नोट एक तिथि से निर्धारित तिथि से समाप्त कर दिए जाते है और उन नोटों को बदलने की व्यवस्था होती है। उसके लिए भी एक समय-सीमा दी जाती है कि निर्धारित समय में आप बैंक में जाकर नोट बदल सकते है।
आगे उन्होंने कहा, जो 500 और एक हजार के नोट बंद किए जा रहे थे और बदलने की व्यवस्था दी जा रही थी। उस समय ये जाहिर था कि हमको 500 और एक हजार के नए नोट लाने होंगे। नए नोटों की व्यवस्था प्रिटिंग के द्वारा करना था। प्रिटिंग का काम आरबीआई की जिम्मेदारी होती है। ये देखा गया कि जिस अवधी में पुराने नोट वापस लाए जाएंगे और जिस संख्या में नए नोट दिए जाएंगे। उतना प्रिंट करने की क्षमता नहीं थी। विकल्प क्या था। विकल्प ये था कि हम 2000 के नोट लाएंगे। एक पूरी टीम थी जो कार्य कर रही थी। उसका प्रस्ताव था यदि इसी अवधि में बदलाव का ये कार्य करना होगा। 2000 का नोट हमको छापना होगा। इस विषय पर पीएम बिल्कुल उत्साहित नहीं थे और उनका स्पष्ट मत था। कि हम एक हजार रुपये का नोट बंद कर रहे है और उसके स्थान पर 2000 हजार का नोट ला रहे है। तो लोग कैसे समझेंगे। ये कालेधन को समाप्त करने का प्रयास है। क्योंकि जब एक बड़ा नोट आएगा। तो लोगों को अपने पास रखने की क्षमता, सुविधा आसान हो जाएगी। इसीलिए वो इस मत में नहीं थे।
#WATCH | “…PM Modi was not at all in favour of Rs 2000 notes. But, as demonetisation was to be done in a limited time, he gave reluctant permission for it…PM never considered Rs 2000 note as note of the poor, he knew Rs 2000 has hoarding value instead of transactional value”:… pic.twitter.com/clrD4zUkRR
— ANI (@ANI) May 22, 2023
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, जब करेंसी छापने की कंपनियां है उनकी क्षमता बताई गई। उनको बताया गया 2 से 3 शिफ्ट में करे। कितना कर सकते है और वो निश्चित इस मत के नहीं थे। हम नोटों को बाहर छपाई करवाकर यहा लें। तो विकल्प यही था हमको एक सीमित अवधि में 2000 के नोट छापने होंगे। गौरतलब है कि हाल में ही आरबीआई ने 2000 के नोट से चलन से बाहर का बड़ा फैसला लिया था।