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Delhi: दिल्ली पुलिस के विरोध के बाद उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज, अभी 7 अगस्त तक रहेंगे जेल में

Delhi: इससे पहले अन्य मामले में अदालत ने जेएनयू के छात्र उमर खालिद को जमानत दे दी थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि ‘खालिद को मात्र मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है।

नई दिल्ली। यूएपीए के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में आरोपी उमर खालिद को लेकर पुलिस का बयान सामने आया है। दरअसल पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल करवाया है। दरअसल दिल्ली पुलिस ने इस मामले में उमर खालिद की जमानत को लेकर विरोध दर्ज करवाया है। जहां उन्होंने कहा कि खालिद द्वारा दर्ज करवाई गई याचिका में कोई दम नहीं है। इसके साथ ही इस मामले में सात अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी गई है।

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गौरतलब है कि इससे पहले अन्य मामले में अदालत ने जेएनयू के छात्र उमर खालिद को जमानत दे दी थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि ‘खालिद को मात्र मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि दंगों के लि रचे गए षड्यंत्र में शामिल था। सैफी को इस मामले में जमानत मिल चुकी है ऐसे में वह भी जमानत का हकदार है’।

वहीं कड़कड़डूमा अदालत के न्यायाधीश विनोद यादव ने अपने फैसले में अभियोजन पक्ष के तर्क को भी खारिज कर दिया था। इसमें यह दावा किया जा रहा था कि आरोपी इन सांप्रदायिक दंगों के गहरे षड्यंत्र में लिप्त था। आरोपी ने असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर दंगों की साजिश रची थी।

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तो अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ था कि जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद इस्राइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की निगरानी सूची में शामिल हैं। जिनसे जुड़े फोन नंबरों की जासूसी भी करवाई जाती है।