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Fact Check: अखिलेश बनाम बघेल में ‘भाजपा प्रत्याशी 10,000 वोटों से आगे’, करहल विधायक की चिठ्ठी वायरल, क्या है सच्चाई

Akhilesh Yadav : क्या फिर से ऐसा कुछ हो गया कि सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार ही गुलजार हो गया। तो अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं, वो इसलिए क्योंकि अभी करहल से सपा के मौजूदा विधायक सोबरन सिंह का एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें यह कहा गया गया कि अखिलेश यादव के मुकाबले बीजेपी प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल 10 हजार से वोटों से आगे चल रहे हैं।

नई दिल्ली। अगर आप उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों के बारे में जानने के लिए तनिक भी आतुर रहने वाले लोगों में से एक हैं, तब तो आपको यह पता ही होगा कि बीते दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इससे पहले उनकी कहीं और से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन बाद में उनकी चुनावी रणनीति में बदलाव करते हुए उन्हें करहल से चुनावी मैदान में उतारे जाने का ऐलान किया गया। अखिलेश के करहल सीट से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद तो सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार ही गुलजार हो गया। बीजेपी ने तंज कसते हुए कह दिया कि बेशक अखिलेश करहल से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हों, लेकिन उन्हें यहां आगामी चुनाव में कोई सफलता नसीब नहीं होने वाली है। अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर आप एकाएक करहल और अखिलेश यादव का जिक्र क्यों कर रहे हैं।

Akhilesh Yadav

क्या फिर से ऐसा कुछ हो गया कि सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार ही गुलजार हो गया। तो अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं, वो इसलिए क्योंकि अभी करहल से सपा के मौजूदा विधायक सोबरन सिंह का एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें यह कहा गया गया कि अखिलेश यादव के मुकाबले बीजेपी प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल 10 हजार से वोटों से आगे चल रहे हैं। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि अगर यह सिलसिला लंबा चला तो आगामी चुनाव में सुपा प्रमुख को हार का मुंह देखना पड़ सकता है।

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एसपी सिंह बघेल के अखिलेश यादव की तुलना में 10 हजार मतों से आगे चलने के संदर्भ देकर मुलायम सिंह यादव से क्षेत्र में आकर चुनाव प्रचार करने का आग्रह किया गया है, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं से समेत सभी लोगों का मनोबल बना रहे हैं और जनता के बीच स्पष्ट संदेश भी जाए। अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जैसे ही यह पत्र लोगों के बीच में वायरल हुआ होगा तो लोगों के किस तरह से होश फाख्ता हो गए होंगे। लेकिन इस पत्र ने कई तरह के सवालों की बयार भी बहा दिए।

मसलन, अभी तक तो यूपी में चुनाव भी मुकम्मल नहीं हुए, तो ऐसे में 10 हजार मतों से आगे पीछे होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है, जब तक चुनाव संपन्न न हो जाए। अधिकृत रूप से नतीजे घोषित न कर दिए, तब तक आप किसी भी नतीजे पर इस तरह कैसे पहुंच सकते हैं। बस, इन्हीं कुछ वाजिब सवालों ने इस पत्र की विश्वनीयता को सवालिया कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया, जिसकी पड़ताल करने के बाद हमें यह पता लगाने में तनिक भी देरी नहीं लगी कि यह पत्र पूरी तरह से झूठ का पिटारा है, जिसे महज बीजेपी को बदनाम करने की साजिश के तहत प्रचारित किया जा रहा है। उधर, जिस विधायक के नाम यह पत्र वायरल हुआ है, उन्होंने खुद सामने आकर इसका खंडन किया है, ऐसे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस स्तर पर चुनाव के दौरान कुछ लोग झूठ के अपने कारोबार को अपने शबाब पर पहुंचाने पर आमादा हो चुके हैं।

लोगों की प्रतिक्रिया 

वहीं, जैसे ही यह पत्र वायरल हुआ और इस बात की जानकारी सामने आई कि यह पूरी तरह से झूठ और भ्रामक है, तो कई ऑफिसियल ट्विटर हैंडल धारकों  इस पर अपने मत रखें। आइए, आपको  वे सभी ट्वीट्स विस्तार से दिखाते हैं।