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FIR On Priyanka Gandhi Vadra: प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के 3 बड़े नेता मुश्किल में, फर्जी खबर के आरोप में मध्यप्रदेश में केस दर्ज

पुलिस से की गई शिकायत में कहा गया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा, कमलनाथ और अरुण यादव ने ट्वीट में जिस लघु और मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ की चिट्ठी जारी की है, वो संगठन मध्यप्रदेश में है ही नहीं। जिस चिट्ठी को कांग्रेस नेताओं ने जारी किया था, उसमें ज्ञानेंद्र अवस्थी का नाम था। ऐसे में प्रियंका गांधी मुश्किल में हैं।

इंदौर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अरुण यादव एक ट्वीट की वजह से मुश्किल में घिर गए हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर दावा किया था कि मध्यप्रदेश में 50 फीसदी कमीशन लिए बगैर ठेकेदारों का बिल पास नहीं होता। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में एक संगठन का मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी संबंधी खबर भी जारी की थी। अब इसे फर्जी बताकर इंदौर में बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के पदाधिकारी निमेश पाठक ने प्रियंका गांधी वाड्रा, कमलनाथ और अरुण यादव के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। पहले आप देखिए कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने कमीशनखोरी के बारे में क्या ट्वीट किया था।

इंदौर के संयोगितागंज थाने में निमेश पाठक ने जो शिकायत दी, उसमें कहा गया है कि प्रियंका गांधी, कमलनाथ और अरुण यादव ने फर्जी संगठन और फर्जी चिट्ठी के पत्र के बारे में खबर को आधार बनाकर ट्वीट किया। इस पर पुलिस ने धारा 420 और 469 का केस दर्ज किया। पुलिस से की गई शिकायत में कहा गया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा, कमलनाथ और अरुण यादव ने ट्वीट में जिस लघु और मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ की खबर शेयर की है, वो संगठन मध्यप्रदेश में है ही नहीं। जिस खबर को कांग्रेस नेताओं ने जारी किया था, उसमें ज्ञानेंद्र अवस्थी का नाम था। पुलिस से शिकायत में कहा गया है कि अगर शिकायत करने वाला खुद सामने आकर आरोप लगाए, तो हम जवाब दें, लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठे प्रचार का सहारा लिया।

इस मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा का ट्वीट सामने आने के बाद खुद मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मीडिया से शनिवार को बात की थी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रियंका के ट्वीट के बाद उन्होंने विजिलेंस से शिकायतकर्ता के ग्वालियर स्थित पते की जानकारी कराई। विजिलेंस की पड़ताल में पता चला कि इस नाम का कोई संगठन बताए गए पते पर है ही नहीं। न ही शिकायतकर्ता के तौर पर जिस ज्ञानेंद्र अवस्थी का नाम है, वो ही वहां रहता है। शिवराज ने ये भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने जिस तरह कर्नाटक चुनाव में 40 फीसदी कमीशनखोरी का झूठा प्रचार किया, वैसा ही मध्यप्रदेश में भी करना चाहती है।