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निजी एंबुलेंस को लेकर बुरे फंसे मुख्तार अंसारी, BJP विधायक अलका राय ने कहा- UP की एंबुलेंस वहां कैसे पहुंची?

Mukhtar Ansari Ambulance: इस एंबुलेंस का फिटनेस सर्टिफिकेट भी 2017 में एक्सपायर हो चुका है। हद तो ये है कि बाराबंकी स्वास्थ्य विभाग के पास भी इस एंबुलेंस को लेकर कोई जानकारी नहीं है।

नई दिल्ली। पंजाब पुलिस ने बुधवार को यूपी के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मोहाली की कोर्ट में पेश किया। इस दौरान मुख्तार एक निजी एंबुलेंस से कोर्ट तक पहुंचा। अब इस एंबुलेंस को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बता दें कि जिस एंबुलेंस से मुख्तार कोर्ट तक पहुंचा था उसका रजिस्ट्रेशन बाराबंकी में श्याम सन अस्पताल के नाम से मिला है। हालांकि इस एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन 5 साल पहले ही खत्म हो चुका है। इतना ही नहीं, जिस अस्पताल के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उस नाम से कोई अस्पताल ही नहीं है। बता दें कि परिवहन विभाग में एंबुलेंस मालिक का जो नंबर दिया गया है, वो भी गलत है। ऐसे में अब भाजपा विधायक अलका राय ने सवाल उठाए हैं।

Mukhtar Ansari

गौरतलब है कि कृष्णानंद राय की पत्नी व गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा से भाजपा विधायक अलका राय ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अलका राय ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सरकार(पंजाब की कांग्रेस की सरकार) माफिया डॉन मुख्तार को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।

Alka Rai Mukhtar Ansari Priyanka GAndhi

राय ने आरोप लगाया है कि मुख्तार अंसारी को तथाकथित जिस एंबुलेंस में कोर्ट में लाया गया वह एंबुलेंस अंसारी को किसने मुहैया कराई? बता दें कि अलका राय ने इस मामले की जांच की मांग की है। अलका राय का कहना है कि, यह एंबुलेंस थी या माफ़िया डॉन की लग्जरी गाड़ी, जांच इसकी भी होनी चाहिए। आखिर यह गाड़ी किन हालातों में पंजाब पहुंची जोकि UP के रजिस्ट्रेशन के नम्बर की है। यह एक बड़ा सवाल है कि आखिर माफिया डॉन कैसे इस गाड़ी पर घूम रहा है?

mukhtar ambulance

रजिस्ट्रे​​​​​​शन की मियाद 2015 में ही खत्म

बता दें कि बाराबंकी ARTO विभाग के सूत्रों से जानकारी मिली है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस (UP41 AT 7171) पर सवार होकर मोहाली की अदालत में पहुंचा था उसका रजिस्ट्रे​​​​​​शन 2015 में ही खत्म हो चुका है। इसके साथ ही इस एंबुलेंस का फिटनेस सर्टिफिकेट भी 2017 में एक्सपायर हो चुका है। हद तो ये है कि बाराबंकी स्वास्थ्य विभाग के पास भी इस एंबुलेंस को लेकर कोई जानकारी नहीं है।