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BJP सांसद गौतम गंभीर की बढ़ीं मुश्किलें, ड्रग कंट्रोलर से दिल्ली HC ने कहा- हर व्यक्ति की तय हो जिम्मेदारी और कार्रवाई करें

Gautam Gambhir: इस मामले में 17 मई को एक सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने गौतम गंभीर से सवाल किया था कि कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में देशभर में कोविड दवाइयों की कमी थी।

नई दिल्ली। कोरोना काल में कई राजनेताओं, समाजसेवियों द्वारा कोरोना मरीजों को जरूरी सेवाओं की उपलब्धता कराने को लेकर बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने सवाल किया था कि आखिर इन लोगों के पास कोविड के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही दवाओं की उपलब्धता कहां से आई। जबिक आम लोगों को इन जरूरी सेवाओं की कमी हो रही है। कोर्ट ने इसी मामले में बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (BJP MP Gautam Gambhir) पर कहा था कि, गंभीर इन दवाओं के वितरित करने और उन्हें बड़ी मात्रा में खरीदने में कैसे सक्षम हैं? बता दें कि बीते दिनों की इस टिप्पणई के बाद अब गौतम गंभीर की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं। बता दें कि द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने अब कहा है कि गौतम गंभीर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और नेता भी। उन्होंने जरूरतमंदों लोगों की मदद करने के लिए फैबीफ्लू जैसी दवाइयां लेकर बांटी होंगी।

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कोर्ट ने कहा कि, ये भी संभव है कि उनका इरादा नेक रहा होगा लेकिन ऐसे में उनपर भी सवाल उठता है कि क्या उनका यह तरीका सही था जब उन दवाइयों की इतनी किल्लत चल रही हो? आपको बता दें क‍ि इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था क‍ि क्या गौतम गंभीर कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही दवाएं बड़ी संख्या में खरीदने और उन्हें लोगों के बीच बांटने में सक्षम हैं?

बता दें कि ड्रग कंट्रोलर को दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस मामले में वह शामिल हर व्यक्ति की जिम्मेदारी को तय करें और उचित कार्रवाई करें। हाईकोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि तीन मामलों की जांच की जानी चाहिए। बीजेपी सांसद गौतम गंभीर, आम आदमी पार्टी के विधायक प्रीति तोमर और आप विधायक प्रवीण कुमार पर जो आरोप लगे हैं। वहीं ​​गंभीर के मामले में एक डॉक्टर गर्ग के लिखे पर्चे पर 2628 स्ट्रिप खरीदी और बांटने का मामला है।

Gautam Gambhir threat

इस मामले में 17 मई को एक सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने गौतम गंभीर से सवाल किया था कि कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में देशभर में कोविड दवाइयों की कमी थी। ये दवाइयां जरुरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रही थीं। ऐसी परिस्थिति में आपको इतनी अधिक संख्या में कोविड की दवाइयां कहां से मिल गईं? कोर्ट ने सवाल किया कि, नेताओं को इस तरीके से जमाखोरी नहीं करनी चाहिए। इससे आम लोगों को परेशानी होगी। अगर वो जनता की भलाई के लिए कर रहे हैं, तब उन्हें DGHS को दवाइयां देनी चाहिए और DGHS जरूरतमंदों को बांट देगा।