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Elections: बीएसपी-सपा को इस तरह पटकनी देने की तैयारी में बीजेपी, ब्राह्मणों के आशीर्वाद से होगा खेल

UP: 2017 के विधानसभा चुनावों की बात करें, तो ब्राह्मणों के करीब 70 फीसदी से ज्यादा वोट बीजेपी ले गई थी। बीजेपी ने यूपी में इतिहास रचते हुए 312 सीटें हासिल की थीं।

लखनऊ। बीएसपी पहले से ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। सपा भगवान परशुराम के मंदिर यूपी में बनाने का एलान कर चुकी है। अब बीजेपी भी ब्राह्मण वोटरों को अपने पाले में रखने के लिए मैदान में उतरने जा रही है। इसके लिए बीजेपी ने विद्वत समाज सम्मेलन करने का फैसला किया है। बीजेपी के कद्दावर ब्राह्मण नेता महेंद्र नाथ पांडेय, जितिन प्रसाद और अजय मिश्रा टेनी इस काम में जुटेंगे। पार्टी अपने अन्य बड़े कद्दावर ब्राह्मण नेताओं को भी मैदान में उतारेगी। यूपी के हर जिले में सम्मेलन होगा। यूपी में ब्राह्मण वोटरों की तादाद करीब 13 फीसदी है। ऐसे में हर पार्टी इस वोट बैंक को अपने पाले में खींचने की तैयारी कर रही है। साल 2007 में मायावती ने ‘हाथी नहीं गणेश है’ और ‘ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी चलता जाएगा’ के नारे देकर ब्राह्मणों को अपने पाले में कर लिया था और बहुमत से सरकार बना ली थी।

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अगर 2017 के विधानसभा चुनावों की बात करें, तो ब्राह्मणों के करीब 70 फीसदी से ज्यादा वोट बीजेपी ले गई थी। बीजेपी ने यूपी में इतिहास रचते हुए 312 सीटें हासिल की थीं। वहीं, सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को 80 फीसदी से ज्यादा ब्राह्मण वोट मिले थे। यानी सपा और बीएसपी का गठबंधन को महज 6 फीसदी वोट मिले। कांग्रेस को भी इतने ही फीसदी वोट ब्राह्मणों के मिले थे।

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साल 2014 में ब्राह्मणों के 72 फीसदी वोट बीजेपी को गए थे। पोस्ट पोल सर्वे से पता चला था कि कांग्रेस को 11 फीसदी और बीएसपी और एसपी को 5-5 फीसदी ब्राह्मण वोट मिले थे। बीजेपी ने 71 लोकसभा सीटें 2014 में जीती थीं और इसके दम पर नरेंद्र मोदी ने बहुमत की सरकार केंद्र में पहली बार बनाई थी। तभी से यूपी के ब्राह्मणों पर सभी बीजेपी विरोधी दलों की नजर टिक गई है। अब देखना ये है कि छह महीने बाद यूपी में ब्राह्मण वोटर किसे अपना आशीर्वाद देते हैं।