नई दिल्ली। कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने लगी हुई है। हालांकि किसान संगठन इस बात पर अड़े हुए हैं कि, सरकार कृषि कानूनों में संशोधन नहीं बल्कि उसे वापस ले। वहीं सरकार की तरफ से किसान संगठनों से कहा गया है कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। शुक्रवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने 6 राज्यों के किसानों से बात की। इस दौरान पीएम मोदी द्वारा दिए भाषणों को लेकर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। इसके चलते शुक्रवार को पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। बता दें कि पंजाब के बठिंडा में पीएम के भाषण से नाराज किसान पुलिस बैरिकेट्स को तोड़ कर बीजेपी कार्यक्रम के लिए लगाए गए टैंट में घुस गए और वहां तोड़फोड़ भी की।
An assault on Punjab BJP workers celebrating Shri Atal Behari Vajpayee’s birthday in Bathinda today, Shows Complete anarchy is prevailing in Punjab where law & order are in hands of goons and police have become a silent and helpless onlooker. pic.twitter.com/T6QMcPGcTz
— Tarun Chugh (@tarunchughbjp) December 25, 2020
इस बीच बीकेयू के कार्यकर्ता कार्यक्रम में तोड़फोड़ करते रहे और वहीं पुलिस ये सब तमाशा देखती रही। गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी का संवाद कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट दिखाने का भी इंतजाम किया गया था। ऐसे में बीजेपी के प्रोग्राम के चलते पुलिस ने अमरीक सिंह रोड पर बैरिकेडिंग कर ट्रैफिक डायवर्ट किया हुआ था। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहां) के कुछ कार्यकर्ता अचानक सड़क पर उतर आए और पहले तो पुलिस से झड़प की और बाद में पुलिस बैरिकेड को तोड़ दिया और बीजेपी के कार्यक्रम में घुस कर काफी तोड़फोड़ कर दी।
इस घटना पर बीजेपी जिलाध्यक्ष विनोद कुमार बिंटा ने कहा कि कुर्सियां तोड़ी गईं और भीड़ ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला भी किया। बीजेपी नेता बिंटा ने पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि, “स्थिति का जवाब देने के बजाय पुलिस दूर से तमाशा देख रही थी। इसके इतर हमें ही कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए कहा गया। इस हिंसा में हमारी पार्टी के कुछ सदस्यों को चोटें आईं हैं।” वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीएस विर्क ने कहा कि पुलिस ने किसी को गंभीर चोट नहीं लगी और समय रहते स्थिति पर काबू पा लिया गया था। वहीं इस तोड़फोड़ को लेकर BKU कार्यकर्ताओं ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने ऐसा किया है।