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PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, अर्जी देने वाले पर जुर्माना

Bombay High Court: कोर्ट ने कहा कि खोबरागड़े की याचिका जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 80 और 81 के तहत पोषणीय नहीं है। साथ ही यह संविधान के अनुच्छेद 102 के प्रावधानों के भी खिलाफ है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले खोबरागड़े से कहा कि जुर्माने की राशि को हाईकोर्ट की कानूनी सेवा समिति के पास जमा करा दें।

नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के खिलाफ दाखिल एक याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर बेंच ने खारिज कर दिया है। यह याचिका राम खोबरागड़े नाम के वकील ने दाखिल की थी। कोर्ट ने उन पर 1000 रुपए का जुर्माना भी ठोका है। अपनी याचिका में खोबरागड़े ने मोदी और शाह को जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था। इसमें कहा गया था कि मोदी और शाह ने भ्रष्ट आचरण किया है और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का भी उन्होंने पालन नहीं किया। इस वजह से दोनों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाए। जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस सुनील शुक्रे की दो सदस्यीय बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिका देने वाले वकील से कहा कि इस याचिका को अन्य कानूनी उपाय होने के बावजूद सीधे हाईकोर्ट में लाए।

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कोर्ट ने कहा कि खोबरागड़े की याचिका जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 80 और 81 के तहत पोषणीय नहीं है। साथ ही यह संविधान के अनुच्छेद 102 के प्रावधानों के भी खिलाफ है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले खोबरागड़े से कहा कि जुर्माने की राशि को हाईकोर्ट की कानूनी सेवा समिति के पास जमा करा दें।

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संविधान के अनुच्छेद 102 के मुताबिक कोई व्यक्ति संसद में चुने जाने के योग्य नहीं होगा जब उसने कोई लाभ का पद ले रखा हो। अगर किसी कोर्ट ने उसे मानसिक रूप से अस्वस्थ पाया हो। अगर वह दिवालिया हो। अगर वह भारत का नागरिक न हो या नागरिकता छोड़ दी हो। अगर वह संसद के बनाए कानून को न माने। इसके अलावा जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 80 और 81 के तहत चुनाव को कोर्ट में चुनौती देने का मामला बनता है। मोदी और शाह के खिलाफ अनुच्छेद 102 और जन प्रतिनिधित्व की धारा 80 और 81 के तहत कोई मामला नहीं है।