भोपाल। अपने विवादित बयानों के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह तो चर्चा में रहते ही हैं। अब उनके भाई लक्ष्मण सिंह भी विवादित बयान देकर घिर गए। लक्ष्मण सिंह ने गांजे को भगवान शिव की बूटी बता दिया। इस पर बीजेपी के प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने उन्हें घेर लिया। खुद को घिरता देखकर लक्ष्मण सिंह बैकफुट पर आने को मजबूर हो गए। लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट में लिखा कि गांजा को दुर्भाग्य से धर्म से जोड़ा जा रहा है। इसे शिव बूटी का नाम दिया जा रहा है। इससे इसका सेवन बहुत बढ़ता जा रहा है और युवा बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने लिखा कि शास्त्रों के मुताबिक शिवजी ने अमृत मंथन में निकला विष पीया था, गांजा नहीं।
लक्ष्मण सिंह के इस ट्वीट पर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी ने उन्हें गांजे पर अच्छा-खासा ज्ञान दिया। हितेश ने ट्विटर पर जवाब देते हुए लिखा कि माननीय लक्ष्मण सिंह जी। आपको शिवभक्तों के अपमान का कोई अधिकार नहीं है। आपने ईद पर मुसलमानों को खुश करने के लिए ये बयान दिया होगा, लेकिन ये घोर निंदनीय है। क्या दुनिया के सभी नशेड़ी शिवजी के उपासक हैं। एक अन्य ट्वीट में हितेश वाजपेयी ने गांजे में मौजूद तत्वों का रासायनिक विश्लेषण कर बताया कि कौन सा तत्व नशा करता है और कौन सा नहीं। इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लक्ष्मण सिंह को बताया कि गांजे और भांग को किस तरह आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है।
हितेश वाजपेयी ने जब गांजे पर लक्ष्मण सिंह को आईना दिखाया, तो वो बैकफुट पर आ गए। लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट में लिखा कि आप बहुत ज्ञानी हैं। मैं आपका मुकाबला नहीं कर सकता। आप यहां नीचे देखिए कि लक्ष्मण सिंह ने क्या ट्वीट किया था और किस तरह उन्हें हितेश वाजपेयी ने घेरा…
गांजे को दुर्भाग्यवश “धर्म”से जोड़ा जा रहा है,”शिव बूटी”का नाम देकर।यही कारण है इसका सेवन अत्यधिक बढ़ता जा रहा है,जिससे युवा बर्बाद हो रहे हैं।शास्त्रों के अनुसार शिवजी ने अमृत मंथन में निकला विष पिया था,गांजा नहीं। @INCIndiaLive @INCMP @BJP4MP
— lakshman singh (@laxmanragho) May 2, 2022
गांजे के पौधे में जो दो रसायन पाए जाते हैं वो हैं टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल यानी टीएचसी और कैनाबिडॉल यानी सीबीडी. गांजे में नशा टीएचसी की मौजूदगी के कारण होता है
कैनाबिडॉल में नशे के कोई गुण नहीं हैं और इसके इस्तेमाल से किसी को नशे की लत नहीं लगती…— Dr.Hitesh Bajpai (@drhiteshbajpai) May 2, 2022
पर मैडम उनका भगवान शिव या उनकी भक्ति से दूर दूर तक लेना-देना नहीं है।
विश्व मे जिस मात्रा मे गांजे का सेवन होता है उसका हिंदु रीति रिवाजों से संबंध नही है।
My limited point!— Dr.Hitesh Bajpai (@drhiteshbajpai) May 2, 2022
आयुर्वेद में क़रीब 200 अलग-अलग जगहों में गांजे का ज़िक्र है..
इस पौधे के मादक पदार्थ का नाम गांजा है. संस्कृत में इसे विजया कहते हैं. आयुर्वेद में इसके इस्तेमाल को बुरा नहीं माना जाता.— Dr.Hitesh Bajpai (@drhiteshbajpai) May 2, 2022
आप बहुत ज्ञानी हैं, मैं आपका मुकाबला नहीं कर सकता
— lakshman singh (@laxmanragho) May 2, 2022