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योगी सरकार में अवैध निर्माण पर चला बुल्डोजर, BSP के पूर्व सांसद दाऊद की करोड़ों की इमारत ध्वस्त

Yogi government: रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में पूर्व सांसद दाउद अहमद ने अवैध तरीके से हाफिज डेयरी के सामने 6 मंजिला अपार्टमेंट खड़ा कर लिया।

नई दिल्ली। योगी सरकार में अबतक कई बाहुबलियों की अवैध संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। वहीं इस सख्त कार्रवाई के चलते कई ऐसी संपत्तियां जो अवैध निर्माण पाई गईं, उन्हें भी गिराने का काम जारी है। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सांसद दाऊद अहमद की करोड़ों की इमारत पर योगी सरकार का बुल्डोजर चला है। रविवार को जानकारी मिली कि, केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में अवैध अपार्टमेंट बनाना पूर्व सांसद दाउद अहमद को भारी पड़ा है। बता दें कि 3 जुलाई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद रविवार की सुबह जिला प्रशासन ने बुल्डोजर से इसे गिराने का काम शुरू किया। दोपहर होते-होते इस करोड़ों की बिल्डिंग का आगे का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बता दें कि यह बिल्डिंग करीब 20 करोड़ की लागत से बनी है।

Bahujan Samaj Party

बता दें कि रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में पूर्व सांसद दाउद अहमद ने अवैध तरीके से हाफिज डेयरी के सामने 6 मंजिला अपार्टमेंट खड़ा कर लिया। इस बिल्डिंग का निर्माण केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजिडेंसी बिल्डिंग के विनियमित क्षेत्र में किया गया। ऐसे में अब इसपर कार्रवाई की गई है। पहले इस बिल्डिंग के निर्माण को रोकने के लिए पुरातत्व विभाग ने काफी प्रयास किया था। इसको लेकर एलडीए, लखनऊ के डीएम तथा कमिश्नर सहित तमाम अधिकारियों को पत्र लिखे गए। लेकिन यह निर्माण किसी ने नहीं रुकवाया। जिसकी वजह से 6 मंजिला इमारत खड़ी हो गयी।

सुनवाई न होती देख केन्द्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को इस इमारत को लेकर फैसला लेना पड़ा। 3 जुलाई 2021 को पुरातत्व विभाग के संयुक्त महानिदेशक ने इसे ध्वस्त करने का आदेश पारित किया। जिसके बाद रविवार, 4 जुलाई को जिला प्रशासन तथा पुरातत्व विभाग की टीम इसे गिराने में लग गयी। इसमें LDA की भी मदद ली गई। दोपहर तक बिल्डिंग के बाहरी हिस्से को काफी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इसे इस तरह क्षतिग्रस्त कर दिया जाएगा ताकि भविष्य में उपयोग लायक न रहे।

Yogi Adityanath Government

अब इस इमारत को बनवाने से जुड़ी जानकारी सामने आई है कि, इसे बनवाने में एलडीए ने पूरी छूट दे रखी थी। जबकि यह इमारत पूरी तरह से अवैध है। हालांकि इसको लेकर लगातार शिकायतें होने के बाद भी एलडीए ने केवल कहने को बिल्डिंग सील कराई। लेकिन निर्माण कार्य सख्ती से नहीं रुका। इसे ध्वस्त करने का आदेश भी नहीं पारित किया और न गिरवाया। बिना पुरातत्व विभाग की एनओसी के नक्शा जरुर पास कर दिया था।