बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने किसानों, फूल उत्पादकों, धोबी (वाशरमेन), नाई, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए बुधवार को 1,610 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इन सेक्टरों के लोग कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी बंद से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, राज्य सरकार 1,610 करोड़ रुपये का मुआवजा/लाभ उन लोगों को प्रदान करेगी, जो 25 मार्च से बंद होने की वजह से संकट में हैं। विशेष राहत पैकेज के लाभार्थियों में किसान, फूल, सब्जियां और फल उत्पादक, धोबी, नाई, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी ड्राइवर शामिल हैं, जिन्हें लंबे समय तक बंद रहने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है। दरअसल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद को दो बार आगे बढ़ाया जा चुका है और फिलहाल इसे 17 मई तक बढ़ाया गया है।
A package of Rs. 1610 crores will be released as #COVID19 financial package. One time compensation of Rs 5000 will be given to 230,000 barbers and 775,000 drivers: Karnataka Chief Minister BS Yeddyurappa. #CoronavirusLockdown https://t.co/tuiJK6ONIo
— ANI (@ANI) May 6, 2020
येदियुरप्पा ने कहा, बंद के दौरान मांग कम होने के बाद उत्पादकों को 11,687 हेक्टेयर में अपने फूलों की खेती में नुकसान उठाना पड़ा है। प्रत्येक उत्पादक को 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्जियों और फलों के उत्पादकों व किसानों के लिए भी जल्द ही एक अलग राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी, क्योंकि इन्हें भी बंद के दौरान काफी नुकसान झेलना पड़ा है।
इसी तरह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने वाले पेशेवरों जैसे 2,30,000 नाइयों और 60,000 वाशरमैन (धोबियों), जो भी लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं, उनमें से प्रत्येक को 5,000 रुपये का एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य भर में लगभग 7,75,000 ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों में से प्रत्येक को 5000 रुपये का एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा। बंद के दौरान ऑटो व टैक्सी चालकों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है।