लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाथरस मामले को लेकर योगी सरकार पर विपक्षी दलों द्वारा चल रहे सियासी तीर के बीच योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई(केंद्रीय जांच ब्यूरो) से करवाने की सिफारिश कर दी थी। हालांक एक सप्ताह से भी अधिक समय के बाद भी इस मामले में सीबीआई ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई थी। अब 9 अक्टूबर को सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है। बता दें कि सीबीआई अब इस मामले की जांच करेगी। बता दें कि हाथरस कांड में DOPT ने CBI जांच को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस मामले में जल्द ही सीबीआई रेगुलर FIR दर्ज करेगी। वहीं पुलिस से इस केस अपने हाथ में लेकर सारे दस्तावेज से डिटेल लेगी। बता दें कि योगी सरकार ने इस मामले में केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और अब सीबीआई जांच शुरू की जा सकेगी। गौरतलब है कि सीबीआई की लखनऊ यूनिट हाथरस कांड की जांच करेगी।
फिलहाल अभी इस केस की जांच अभी SIT की टीम कर रही थी। SIT ने जांच के लिए 10 दिन का और समय मांगा था। इस मामले में SIT की जांच चलती रहेगी और एसआईटी अपनी रिपोर्ट अलग से सौंपेगी। गौरतलब है कि सीबीआई जांच की सिफारिश से पहले उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी हितेष चंद्र अवस्थी ने हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। जिसके बाद ये फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर ट्वीट भी किया।
सीएम योगी ने अपने ट्वीट में हाथरस मामले को लेकर लिखा था कि, ‘हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना और जुड़े सभी बिंदुओं की गहन पड़ताल के उद्देश्य से इस प्रकरण की विवेचना CBI के माध्यम से कराने की संस्तुति कर रही है। इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।’
माना जा रहा है कि हाथरस मामले की जांच सीबीआई से करवाने से इसमें कई राज खुल सकते हैं। क्योंकि इस केस को लेकर कई सवाल लोगों के जेहन में दौड़ रहे हैं। जहां मेडिकल रिपोर्ट में रेप की बात से इनकार किया गया है तो वहीं पीड़िता के परिवार का आरोप है कि पीड़िता का गैंगरेप किया गया था और उसकी जीभ भी काट दी गई थी। हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में ऐसी किसी बात का कोई जिक्र नहीं है। इसी तरह से कई सवाल हैं जिनका जवाब सीबीआई जांच से मिलने की उम्मीद है।