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केंद्र सरकार ने किसानों से वार्ता के लिए बढ़ाया कदम, राकेश टिकैत अभी भी पड़े; क्या किसान नेताओं में हो गई फूट?

किसान संगठन सभी की सहमति से चार दिसंबर को आंदोलन खत्म करने की तारीख दे सकते हैं। लेकिन अभी तक किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि सरकार की तरफ से कृषि कानून वापस लेने की घोषणा और फिर उसके बाद अब किसानों से बातचीत करने के नाम मांगे गए हैं।

नई दिल्ली। संसद से तीनों किसान बिल वापस हो चुका है लेकिन आन्दोलन कर रहे किसान अभी भी वापस नहीं लौटे हैं। कुछ किसान संगठन तो कृषि कानून वापस होने के बाद से ही खुश है और घर वापसी की वकालत कर रहे हैं लेकिन कुछ किसान अभी भी डटे रहने का दावा कर रहे हैं। आपको बता दें कि कृषि कानून वापसी के बाद अब कुछ किसान MSP पर कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की बात करने की बात कर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए किसान संगठनों से पांच लोगों के नाम मांगा है।

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बता दें कि किसान नेता सतनाम सिंह ने दावा किया कि सरकार ने हमारी हर मांग मान लिया है। सरकार ने एमएसपी पर और दूसरे खेती-बाड़ी के मुद्दों पर कमेटी बनाने के लिए 5 नाम मांगे हैं। कल तक 5 नाम फाइनल कर के सरकार को भेजे जाएंगे। जो एमएसपी को लेकर सरकार से बातचीत करेंगे। सरकार की ओर से की गई इस पहल के बाद पंजाब के 32 किसान संगठन अपनी तरफ से दो नाम का सुझाव दे सकते हैं बाकि के नाम अन्य किसान संगठनों को देना होगा! वहीं सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर किसानों की 32 जत्थेबंदियों की बैठक हुई। इस बैठक में किसान नेता सतनाम सिंह ने आंदोलन खत्म करने के संकेत दिए।

Kisan mahapanchayat

किसान संगठन सभी की सहमति से चार दिसंबर को आंदोलन खत्म करने की तारीख दे सकते हैं। लेकिन अभी तक किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि सरकार की तरफ से कृषि कानून वापस लेने की घोषणा और फिर उसके बाद अब किसानों से बातचीत करने के नाम मांगे गए हैं। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही किसान आन्दोलन समाप्त हो सकता है लेकिन इधर राकेश टिकैत अभी भी अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं। राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी अभी आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं।

Narendra Singh tomar

खबरों की मानें तो, किसानों पर दर्ज किये गए मुकदमे भी वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। मीडिया सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने संबंधी निर्देश दिया है।