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Sputnik Light: भारत में सिंगल डोज वाले स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी नहीं, सरकार ने मांगा तीसरे चरण का डाटा

Sputnik Light: आपको बता दें, ऐसा माना जा रहा था कि अगर स्पूतनिक लाइट टीके के ट्रायल को मंजूरी प्राप्त हो जाती तो फिर इसके आपात इस्तेमाल की भी इजाजत मिल जाएगी। ऐसे में ये पहला भारत में मिलने वाला एकल खुराक वाला टीका बन सकता था। हालांकि इसकी ट्रायल को मिली नामंजूरी के पीछे का कारण साफ नहीं हो पाया है।

नई दिल्ली। हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी प्रयोगशाला को झटका लगा है। बता दें, सरकार की समिति की ओर से रूसी कोरोना टीके स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण का ट्रायल करने से मना कर दिया गया है। अब भारत में इसकी मंजूरी के लिए उसे टीके से जुड़ा सुरक्षा डाटा भारत सरकार को सौंपना होगा जिसके बाद ही इस सिंगल डोज वाली रूसी वैक्सीन का उत्पादन देश में तेजी से हो सकेगा।

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आपको बता दें, ऐसा माना जा रहा था कि अगर स्पूतनिक लाइट टीके के ट्रायल को मंजूरी प्राप्त हो जाती तो फिर इसके आपात इस्तेमाल की भी इजाजत मिल जाएगी। ऐसे में ये पहला भारत में मिलने वाला एकल खुराक वाला टीका बन सकता था। हालांकि इसकी ट्रायल को मिली नामंजूरी के पीछे का कारण साफ नहीं हो पाया है।

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फिलहाल देश में स्पूतनिक-वी वैक्सीन को यहां टीकाकरण अभियान में जोड़ा गया है। हालांकि इस स्पूतनिक लाइट को रूस से पहले मंजूरी मिल चुकी है। रूस से मंजूरी प्राप्त इस स्पूतनिक का दूसरें देशों में परीक्षण किया जा रहा है। मामले से जुड़े लोगों का इसे लेकर ये कहना है कि स्पूतनिक की एकल खुराक आने के साथ मौजूदा दो खुराक वाली स्पूतनिक-वी टीके की दूसरी खुराक में प्रयोग किया जाने वाला रिकॉम्बिनेंट एडिनोवायरस टाइप-5 (आरएडी-5) घटक के महत्व का मामला भी गैर जरूरी हो जाता है।