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Politics: जानिए चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजे किस तरह बीजेपी-कैप्टन के गठजोड़ को पंजाब में दे सकते हैं फायदा

बीजेपी ने पंजाब विधानसभा का चुनाव कांग्रेस छोड़कर पंजाब लोक कांग्रेस बनाने वाले पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ लड़ने का फैसला किया है। बीजेपी ने अपने दम पर जिस तरह नगर निगम की सीटें हासिल की हैं और जो वोट शेयर उसे मिला है, उससे निश्चित तौर पर वो खुश होगी।

चंडीगढ़/नई दिल्ली। चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजे आ गए हैं और ज्यादातर सीटों के नतीजे आने से कांग्रेस और अकाली दल में खलबली मची हुई है। वहीं, आम आदमी पार्टी ज्यादातर सीटें हासिल कर खुश है। इन सबके बीच, ये नतीजे बीजेपी के लिए पंजाब चुनाव में रणनीति तय करने का बड़ा जरिया बनते दिख रहे हैं। बीजेपी ने पंजाब विधानसभा का चुनाव कांग्रेस छोड़कर पंजाब लोक कांग्रेस बनाने वाले पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ लड़ने का फैसला किया है। इसमें सुखदेव सिंह ढींढसा के अकाली दल गुट को भी शामिल किया जाएगा। बीजेपी ने अपने दम पर जिस तरह नगर निगम की सीटें हासिल की हैं और जो वोट शेयर उसे मिला है, उससे निश्चित तौर पर वो खुश होगी।

PM Modi and captain amrinder singh

बहरहाल, पंजाब की बात कर लेते हैं। पंजाब में पहले बीजेपी और अकाली दल साथ थे। नतीजे में बीजेपी को कभी 2 तो कभी 3 सीटें मिलती रहीं। पिछली बार पंजाब के विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ी थी और बहुमत लेकर आई थी। अब चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजों से कांग्रेस खेमे में हाहाकार जरूर मचा होगा। इन चुनावों को पंजाब विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा था। ऐसे में कांग्रेस का अब तक घोषित सभी 35 नगर निगम सीटों में से कुल 8 पर जीत हासिल करना पूरी कहानी को बयान कर रहा है। अकाली दल को भी जोरदार झटका लगा है। उसका सिर्फ 1 उम्मीदवार जीता है। वहीं, बीजेपी को 35 सीटों में से 12 पर जीत मिली है। जबकि, आम आदमी पार्टी AAP ने अब तक 14 सीटें हथियाई हैं। कुल मिलाकर नगर निगम में किसी को भी बहुमत नहीं मिला है और बीजेपी के लिए ये भी एक अच्छी खबर जरूर होगी कि उसने आम आदमी पार्टी को पूरी तरह जीत हासिल करने से रोक दिया है।

बीजेपी के लिए अच्छी खबर ये है कि उसे इन चुनावों में 30 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं और वो वोट शेयर में बाकी दलों से आगे है। साथ ही इन नतीजों ने साफ कर दिया है कि किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के बाद भी कांग्रेस और अकाली दल की हालत पतली है। चुनाव से पहले आए तमाम सर्वे भी इस ओर इशारा कर रहे थे कि पंजाब में कांग्रेस ने पिछली बार जो गढ़ तैयार किया, वो दरक रहा है। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह कह रहे हैं कि हर सीट पर सोच समझकर उम्मीदवार उतारेंगे। ताकि कांग्रेस, आप और अकाली दल को पटकनी दी जा सके। कैप्टन को पंजाब के बारे में काफी जानकारी है और उनका साथ लेकर बीजेपी को भी पंजाब में अपने पुराने इतिहास को बदलना काफी आसान हो सकता है। क्योंकि ये तो साफ हो चुका है कि आम आदमी पार्टी ने तगड़ी घुसपैठ कर ली है, लेकिन कांग्रेस और अकाली दल को जो नुकसान हो रहा है, उसका फायदा पंजाब में कैप्टन और बीजेपी उठा सकते हैं।