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‘कब्रिस्तान के लिए जमीन, यूनिवर्सिटी में बाइबल की पढ़ाई, बिजली दरों में रियायत’, अपने इन ऐलानों से बनें CM चन्नी ईसाइयों के आंखों का तारा

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ईसाइयों के विभिन्न कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मिटिंग हॉल भी आवंटित किए जाएंगे। यही नहीं, ईसाई वेलफेयर के लिए एक करोड़ रूपए भी आवंटित किए जाएंगे। ईसाइयों को बिजली बिल में रियायतें दी जाएंगी।

नई दिल्ली। किसने सोचा था कि हमारे देश में एक दिन ऐसा भी आएगा जब ईसाई भी सियासतदानों के लिए सियासी मसले में तब्दिल हो जाएगा। किसने सोचा था कि आजादी के सात दशकों के बाद एक ऐसा वक्त भी आएगा जब सियासी सूरमाओं के बीच ईसाइयों को रिझाने की जंग शुरू हो जाएगी। किसने सोचा था कि ईसाइयों के हितों के लिए सियासतदानों के दिल से उदारता की दरिया बहनी शुरू हो जाएगी। सच कहें तो ये न आपने सोचा था और न ही हमने ना ही कभी इस देश ने सोचा था। लेकिन आज ईसाई पंजाब की सियासत में सियासी मसले के रूप में तब्दिल होता जा रहा है, जिसकी विधिवत शुरूआत सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने जनसभा में अपने ऐलानों के जरिए कर दी है। राज्य में कुछ माह बाद चुनाव होने वाले हैं।

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ऐसे में चन्नी ही नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति के प्रत्येक राजनीतिज्ञों की यही कोशिश है कि कैसे भी करके मतदाताओं को रिझाए जाए। बस अपनी इस कोशिशों को धार देते हुए सीएम चन्नी एक कार्यक्रम में पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य के ईसाइयों को रिझाने की दिशा में कई बड़े ऐलान कर दिए। उन्होंने साफ कह दिया है कि राज्य में यूनिवर्सिटी में चेयर की स्थापना की जाएगी। यह चेयर ईसाइयों को बाइबल की शिक्षा प्रदान करने में सहायका साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जिस तरह से ईसाइयों को कब्रिस्तान के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए उन्हें कब्रिस्तान आवंटित किया जाएगा, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना ना करना पड़े।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ईसाइयों के विभिन्न कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मिटिंग हॉल भी आवंटित किए जाएंगे। यही नहीं, ईसाई वेलफेयर के लिए एक करोड़ रूपए भी आवंटित किए जाएंगे। ईसाइयों को बिजली बिल में रियायतें दी जाएंगी। इस बात में कोई दोमत नहीं है कि सीएम ने ये ऐलान आने वाले चुनाव में राज्य के ईसाई बहुल इलाकों से वोट पाने के लिए किया है। अब ऐसे में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है कि आखिर निकट भविष्य में कहीं मुसलमानों जैसी स्थिति सियासदानों के लिए ईसाइयों की भी न हो जाए।

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खैर, इसे लेकर जिसकी जैसी भी राय हो, लेकिन पंजाब के अल्पसंख्यक बोर्ड के अध्यक्ष ने सीएम के इस ऐलान पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी मुख्यमंत्री ने ईसाइयों के हित के लिए कोई बड़ा ऐलान किया है। जीसस को लेकर चेयर मैन की मांग हमारी काफी पुरानी थी जिसे पर किसी भी सीएम ने विचार करना आज तक मुनासिब नहीं समझा था, लेकिन आज पहली बार किसी सीएम ने हमारी मांग पर विचार किया है। बता दें कि राज्य में पिछले कुछ सालों से इसाइयों की आबादी में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद अब ईसाइ भी सियासतदानों के लिए अहम  विषय के रूप में तब्दिल होते जा रहे हैं।