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चेतन चौहान के नाम क्रिकेट के ये रिकॉर्ड, ऐसे गावस्कर के साथ मिलकर करते थे पारी की शुरुआत

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान (Chetan Chauhan) का रविवार को निधन हो गया है। कोरोना (Coronavirus) संक्रमित होने के बाद उनका गुड़गांव के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में उनका इलाज चल रहा था।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान (Chetan Chauhan) का रविवार को निधन हो गया है। कोरोना (Coronavirus) संक्रमित होने के बाद उनका गुड़गांव के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में उनका इलाज चल रहा था। सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) के सलामी जोड़ी के तौर पर मशहूर रहे चेतन चौहान ने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं। गावस्कर और चौहान की जोड़ी ने टेस्ट की 60 पारियों में 54.85 की औसत से 3127 रन बनाए।दोनों ने कुल 11 शतकीय साझेदारियां कीं, जिनमें से 10 पहले विकेट के लिए रहीं।

chetan chauhan

भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 97 रहा। बता दें कि करियर में बिना शतक लगाए (1969-1981) दो हजार रन बनाने वाले वह दुनिया के पहले क्रिकेटर थे। टेस्ट करियर में बिना शतक लगाए सबसे ज्यादा रन बनाने के रिकॉर्ड की बात करें, तो इस सूची में दूसरा नाम चेतन चौहान का था। वैसे बिना शतक लगाए सबसे ज्यादा रन बनाने के रिकॉर्ड शेन वॉर्न के नाम है। उन्होंने (1992-2007) 145 टेस्ट मैचों में 3154 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 99 रहा था।

Chetan Chauhan

गावस्कर और चेतन चौहान के बीच 1979 के ओवल टेस्ट में हुई ओपनिंग पार्टनरशिप आज भी याद की जाती है। इंग्लैंड के खिलाफ 438 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दोनों ने पहले विकेट के लिए 213 रन जोड़े थे। तब चौहान 80 रन बनाकर आउट हुए, जबकि गावस्कर ने दोहरा शतक (221) जड़ा था।हालांकि भारतीय टीम 429/8 रन ही बना पाई और जीत हासिल करने से वंचित रह गई।

चेतन चौहान ने सितंबर 1969 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में अपना डेब्यू टेस्ट मैच खेला था। मजे की बात है कि उन्होंने पहले 25 मिनट तक कोई रन नहीं बनाया, लेकिन उसके बाद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ब्रूस टेलर की गेंद पर चौका लगाकर खाता खोला और अगली गेंद पर छक्का जड़ा।

चौहान ने 40 टेस्ट मैचों में 31.57 के एवरेज से 2084 रन बनाए, जिसमें 16 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने 7 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 21.86 के एवरेज से 153 रन बनाए थे। 1981 में चेतन चौहान का इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर खत्म हो गया, लेकिन वह 1984/85 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते रहे। वह महाराष्ट्र और दिल्ली की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेले। पिता के ट्रांसफर होने के बाद 13 साल की उम्र में वह पुणे शिफ्ट हो गए थे।

चौहान ने अपना आखिरी टेस्ट 1980-81 में न्यूजीलैंड दौरे पर खेला था। चेतन चैहान टीम इंडिया के मैनेजर भी रह चुके हैं। 2001 में भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान वह उस भारतीय टीम के मैनेजर रहे, जिसने 2001 के ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी।