तवांग। बीती 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यांगत्से सेक्टर पर एलएसी की स्थिति बदलने की चीन की सेना ने कोशिश की थी। चीन की ये साजिश कितनी बड़ी थी, इसका खुलासा हुआ है। चीन की मंशा थी कि बड़ी तादाद में अपनी सेना यानी पीएलए के जवानों को एलएसी के पार कराया जाए। इसके बाद रणनीतिक तौर से खास मानी जाने वाली जगहों पर कब्जा कर लिया जाए। चीन के सैनिक इस इरादे को पूरा करने के लिए साज-ओ-सामान भी लेकर आए थे। ये सामान झड़प वाली जगह से बरामद किए गए हैं। चीन की इस हिमाकत का भारतीय वीर जवानों ने भरपूर जवाब दिया था। नतीजे में चीन के जवान बोरिया-बिस्तर छोड़कर दुम दबाकर भाग निकले थे।
सूत्रों के मुताबिक झड़प वाली जगह से भागते वक्त चीन के सैनिक अपना काफी सामान छोड़ गए हैं। इनमें स्लीपिंग बैग, कुछ उपकरण और अन्य चीजें हैं। इनसे साबित होता है कि वे भारतीय इलाके में घुसकर कब्जा करने की नीयत से आए थे। बता दें कि चीन के करीब 600 सैनिकों ने यांगत्से में एलएसी को पार करने की कोशिश देर रात 3 बजे की थी। भारतीय जवानों ने उनको रोका था। जिसके बाद काफी देर तक दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को इतना पीटा था कि वे वहां से जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए थे।
भारत ने चीन को सैन्य और कूटनीतिक तरीकों से साफ कह दिया है कि इस तरह की किसी भी घुसपैठ की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घटना के बाद भारतीय जवानों ने बाकायदा काफी देर तक चीन के इलाके में रहकर उनको सीधी चेतावनी भी दी थी। चीन के डरे हुए सैनिकों ने हवाई फायरिंग भी की थी, लेकिन वीर भारतीय जवान बिना डरे उसकी पोस्ट पर खड़े रहे और चुनौती देते रहे थे।