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LJP में बढ़ी रार, चिराग पासवान ने किया अध्यक्ष पद पर दावा, चाचा पशुपति संग 5 सांसदों को किया पार्टी से बाहर

LJP: चिराग ने एक पत्र में लिखा है कि मैंने हमेशा चाहा कि भाइयों को साथ लेकर चला जाय। पापा के जाने के बाद आपने हमसे बात करना छोड़ दिया।

नई दिल्ली। लोक जन शक्ति पार्टी में चाचा-भतीजे में रार बढ़ती जा रही है। बता दें कि बीते दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने बागी तेवर दिखाते हुए खुद समेत 5 सांसदों को लेकर पार्टी में विरोध का सुर छेड़ दिया था। वहीं मंगलवार को पशुपति पारस के भतीजे और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने अध्यक्ष पद की हैसियत से एक नोटिस जारी करते हुए अपने चाचा समेत सभी 5 सांसदों की पार्टी सदस्यता रद्द करते हुए इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस कदम के बाद चिराग ने पार्टी के अध्यक्ष पद पर भी अपना दावा पेश किया है। इसके उलट बागी हुए सांसदों ने पशुपति पारस को सोमवार को ही अपना लोकसभा नेता चुन लिया था। ऐसे में पार्टी के संसदीय दल ने चिराग पासवान को ही पार्टी की अध्यक्षता से हटा दिया है। गौरतलब है कि पार्टी के भीतर मची इस रार के चलते, लोकजन शक्ति पार्टी में तनाव बढ़ता जा रहा है।

LJP Chirag paswan

बता दें कि LJP की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि, अगले पांच दिन के भीतर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। फिलहाल, सूरजभान सिंह की अध्यक्षता में बैठक होगी. एक-दो दिन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो सकती है। संसदीय दल के नेता के बाद अब चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटाया दिया गया है।

बता दें कि अभी तनाव को देखते हुए सूरज भान सिंह को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिनों में पटना में मीटिंग कर पशुपति पारस को एलजेपी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इधर, लोजपा के भीतर मचे घमासान के बीच चिराग खेमा पार्टी और पावर बचाने की जद्दोजहद में जुट गया है। चिराग पासवान के दिल्ली स्थित आवास पर सोमवार की देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा जो मंगलवार को भी चल रहा है।

वहीं पार्टी में जारी खींचतान को देखते हुए अब चिराग पासवान ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक ट्वीट कर पशुपति पारस को लिखे कुछ पुराने पत्र शेयर किए। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए मैंने प्रयास किए लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है। आगे उन्होंने लिखा कि पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं।

ChiraG Paswan

उन्होंने पशुपति को लेकर कई तरह के आरोप लगाए। दरअसल चिराग ने पशुपति पारस को 29 मार्च को पत्र लिखे थे। इन पत्रों में चिराग ने पारस को लिखा है कि रामचंद्र पासवान के निधन के बाद से ही मैंने देखा कि आप में बदलाव आने शुरू हो गए थे। यहां तक कि पापा की तेरहवीं में भी 25 लाख रुपये मां को देने पड़े इससे मैं काफी आहत हुआ था। चिराग ने एक पत्र में लिखा है कि मैंने हमेशा चाहा कि भाइयों को साथ लेकर चला जाय। पापा के जाने के बाद आपने हमसे बात करना छोड़ दिया। चिराग ने एक पत्र में आरोप लगाया है कि पापा के रहते हुए भी आपने पार्टी तोड़ने का प्रयास‌ किया। वहीं प्रिंस राज पर रेप के मामले का जिक्र करते हुए चिराग ने कहा कि प्रिंस पर आरोप के दौरान भी मैं परिवार के साथ खड़ा रहा।