जालंधर। पंजाब में जगह-जगह ईसाई धर्मगुरु चर्च खोल रहे हैं। आए दिन सोशल मीडिया पर वीडियो आते हैं। इन वीडियो में दिखाया जाता है कि ईसाई पादरी भूत-प्रेत की कथित बाधा से लोगों को किस तरह मुक्त कर रहे हैं। ऐसे भी वीडियो सामने आए हैं, जिनमें पंजाब में पादरियों को दिव्यांगों को ठीक करने का दावा किया जाता है। अब पंजाब के एक ईसाई धर्मस्थल में 4 साल की बच्ची की मौत होने की खबर है। अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक जालंधर के ताजपुर गांव में बजिंदर सिंह मिनिस्ट्री नाम का व्यक्ति खुद के पैगंबर होने का दावा कर एक ईसाई धार्मिक स्थल चलाता है। वो बीमार लोगों को ठीक करने का दावा भी करता है। अखबार के मुताबिक बजिंदर के यहां तमाम मरीज आते हैं। करीब 9 महीने पहले 4 साल की एक कैंसर से ग्रस्त बच्ची को भी यहां इलाज के लिए लाया गया था। बीते रविवार की रात जब बजिंदर सिंह एक प्रार्थना सभा करा रहा था, तब उस बच्ची ने दम तोड़ दिया।
She died on Sunday evening, when Bajinder Singh, claiming to be a prophet, was still holding a prayer and healing. “Around a year back, her family saw some videos which claimed that cancer patients were getting healed here. For the last nine months, they had been coming here.”++ pic.twitter.com/Yl88kVt0VD
— I P Singh (@ipsinghTOI) September 13, 2022
बच्ची का नाम तनीषा था। डॉक्टरों ने उसके घरवालों से कह दिया था कि बच्ची का कैंसर काफी गंभीर स्थिति में है और उसे बचाया नहीं जा सकता। इसके बाद उसे घरवाले बजिंदर सिंह के यहां ले आए थे। बच्ची के नाना ने अखबार को बताया कि उनसे कई बार 15000 तो कभी 50000 रुपए लिए गए, लेकिन बच्ची को बजिंदर ठीक नहीं कर सका और उसकी जान चली गई। परिवार का ये भी आरोप है कि बच्ची की जान जाने के बाद ईसाई धार्मिक स्थल से उनको धक्के मारकर निकाल दिया गया। बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल भी किया। वे दिल्ली के नांगलोई से आए थे। बच्ची के घरवालों का कहना है कि उन्होंने चर्च का वो विज्ञापन देखा था जिसमें मृत बच्चों को भी ठीक करने का दावा किया गया था। उन्होंने कहा कि वो बड़ी उम्मीद से आए थे, लेकिन यहां पैसे भी ले लिए और बच्ची भी दम तोड़ गई।
बजिंदर सिंह के यहां हंगामा मचने की जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन उसने भी परिवार की कोई कानूनी मदद नहीं की। पुलिस ने परिवार को गाड़ी से दिल्ली वापस भिजवा दिया। लांबड़ा थाने के प्रभारी अमन के मुताबिक जांच के लिए एक अफसर को उन्होंने भेजा था। उसे परिजनों ने शिकायत नहीं दी। इस पर उन्होंने परिवार को वापस दिल्ली तक भेजने के लिए गाड़ी की व्यवस्था कर दी। वहीं, अखबार की खबर ये बताती है कि बजिंदर को तो खुद करतारपुर जिले के डीएसपी सुरिंदर पाल गुलदस्ता देते भी नजर आए थे।