
नई दिल्ली। त्यौहार के बाद कोरोना के तेज प्रसार ने गुजरात सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। सरकार की तरफ से राज्य के 4 बड़े शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोका जा सके। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसको देखते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि गुजरात में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार अपने मिशन में समर्पित है।
सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में पर्याप्त बेड, दवाओं और अन्य उपकरणों के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के अलावा प्रभावित मरीजों को चिकित्सा सुविधा और उपचार का समय पर प्रावधान सुनिश्चित कर रही है ताकि मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ होकर अपने घरों में वापस जा सकें।
उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लॉकडाउन और रात के कर्फ्यू के बारे में दावा करने वाले सभी लोग केवल अफवाहें फैला रहे हैं। अगले नोटिस तक अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा में रात का कर्फ्यू जारी रहेगा। सीएम ने लोगों से कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एसओपी का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को हर समय मास्क पहनना चाहिए, सामाजिक दूरी बनाने का अभ्यास जारी रखना चाहिए, अति-भीड़ से बचना चाहिए और सावधानी के साथ चलना चाहिए। परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।
सीएम ने आगे कहा कि सबसे खराब स्थिति के मामले में, राज्य सरकार सार्वजनिक सुरक्षा और कल्याण को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेगी। वर्तमान में, गुजरात में COVID-19 से प्रभावित लोगों को चिकित्सा उपचार और सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार अपने पूर्व-तैयार कार्य योजना के साथ आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षणों का तीसरा चरण चल रहा है। लगभग 1000 लोग उसी का एक हिस्सा होंगे। सीएम ने 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हालिया वीडियो-सम्मेलन के बारे में भी बात की, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। भारत सरकार टीका के शुरुआती प्रावधान को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसके लिए पारदर्शी और परेशानी मुक्त तरीके से वैक्सीन की समान वितरण के लिए विभिन्न तरीकों को भी तैयार कर रही है।
सीएम ने कहा कि यह संभावना है कि टीके को चार-चरणीय प्रक्रिया में वितरित किया जाएगा। वितरण का पहला चरण फ्रंटलाइन वर्करों के लिए होगा जिसमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मचारी आदि शामिल हैं। दूसरे चरण में COVID-19 योद्धाओं अर्थात स्वास्थ्य और स्वच्छता कर्मचारी, राजस्व अधिकारी, पुलिस कर्मचारी आदि शामिल होंगे। तीसरे चरण में 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग होंगे। अंतिम चरण में 50 वर्ष से कम आयु के लोग शामिल होंगे। ये भारत सरकार के साथ प्रारंभिक चर्चा पर आधारित है। अंतिम निर्णय भारत सरकार की सिफारिशों और वैक्सीन वितरण की प्राथमिकता पर आधारित होगा।