Uttar Pradesh: सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार को ना, कदाचार के दोषी एसडीएम को बना दिया तहसीलदार
Uttar Pradesh:भ्रष्टाचार (corruption) के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero tolerance) की नीति को अपनाते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) बड़ी कार्रवाई की है। ऐसा नहीं है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की तरफ से प्रदेश में ये पहली कार्रवाई है। इससे पहले भी सीएम योगी ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़ी कार्रवाई की है। ऐसा नहीं है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की तरफ से प्रदेश में ये पहली कार्रवाई है। इससे पहले भी सीएम योगी ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब सीएम योगी ने तहसील सरधना, जनपद मेरठ में तैनात रहे उपजिलाधिकारी कुमार भूपेंद्र सिंह को उपजिलाधिकारी के पद से तहसीलदार के पद पर अवनति करने का आदेश दिया है। कुमार भूपेन्द्र वर्तमान में मुजफ्फरनगर जिले में पदस्थ हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेरठ के ग्राम शिवाया, जमाउल्लापुर, परगना दौराला, तहसील सरधना के राजस्व अभिलेखों में पशुचर के रूप में दर्ज 1.5830 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2013 में निजी बिल्डर को आवंटित कर दिया गया था। इसकी शिकायत के बाद जांच हुई। वहीं वर्ष 2016 में जबकि एसडीएम के रूप में भूपेंद्र तैनात थे, तब भूपेंद्र ने सरकार के हितों की उपेक्षा करते हुए, निजी हितों की पूर्ति के लिए संबंधित पक्षों से मिलीभगत कर रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में अमलदरामद का आदेश पारित कर दिया था।
CM श्री @myogiadityanath जी ने तहसील सरधना, मेरठ में नियमविरुद्ध ढंग से विनिमय की गई पशुचर श्रेणी की भूमि के संबंध में शासकीय हितों की उपेक्षा कर अमलदरामद का आदेश पारित करने के दोषी तत्कालीन SDM, सरधना, मेरठ को SDM पद से तहसीलदार के पद पर अवनति करने का आदेश दिया है।@spgoyal pic.twitter.com/095UnjrHLA
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 23, 2020
दोषी तत्कालीन उपजिलाधिकारी, सरधना, जनपद मेरठ, संप्रति उपजिलाधिकारी मुजफ्फरनगर हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 23, 2020
यूपी सरकार ने इसे कदाचार मानते हुए इन्हें पदावनत करने का आदेश दिया है। मामले में दोषी एक अन्य तत्कालीन एसडीएम, एक अपर आयुक्त, एक तहसीलदार (अब सेवानिवृत्त) एक राजस्व निरीक्षक व एक लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।