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CM योगी ने दी किसानों को बड़ी राहत, फसल में आग लगने पर मुआवजे के लिए नहीं काटने होंगे चक्कर

UP Farmers: योगी सरकार ने पांच एकड़ की जोत पर मिलने वाली 20 हजार की सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया है। जबकि ढाई एकड़ की जोत पर मिलने वाली सहायता राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए किया गया है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को बड़ी राहत दी है। खेतों या फसलों में आग लगने पर उन्हें मुआवजे के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस बाबत आनलाइन आवेदन के बाद एक सप्ताह में जांच पूरी कर पीड़ित किसान के खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाएगी। सीएम योगी ने जांच एक सप्ताह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सीएम ने पूर्व की सरकार में मिलने वाली सहायता राशि को दोगुना कर दिया है। सीएम योगी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इसी के मद्देनजर अब 2018 में खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को देने के लिए दुर्घटना दावा करने की समय सीमा बढ़ाकर 60 से 90 दिन कर दिया है। इसमें शार्ट सर्किट से हुई अग्नि दुर्घटना को भी शामिल किया गया है। किसानों की भरपूर सहायता के लिए सीएम योगी ने इस योजना के तहत मिलने वाली मुआवजे की धनराशि भी बढ़ा दी है।

Yogi adityanath

योगी सरकार ने पांच एकड़ की जोत पर मिलने वाली 20 हजार की सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया है। जबकि ढाई एकड़ की जोत पर मिलने वाली सहायता राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए किया गया है। इसी प्रकार पांच एकड़ से अधिक जोत पर सहायता राशि पहले 30 हजार रुपए मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया है। किसी एक स्थान पर आग से सामूहिक क्षति की धनराशि दो लाख या अधिक होने पर डीएम अंतिम फैसला लेंगे।

Yogi Kisan farmer

किसानों को करना होगा पोर्टल पर आवेदन

रबी कटाई सत्र में बिजली के तारों में शार्ट सर्किट या अन्य कारणों से खेतों में आग लगने पर किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना संचालित है। इसके तहत फसल नष्ट होने के एवज में किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था है। यह सरकारी मदद पाने को किसानों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। मंडी परिषद से संचालित खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना की विस्तृत जानकारी मंडी समिति के कार्यालय से भी दी जा रही है। हादसे के बाद मुआवजा के लिए किसान किसी भी जनसेवा केंद्र पर ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रभावित किसानों के आवेदन पर क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार और लेखपाल मौके पर जांच करेंगे।