नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है। इसी सिलसिले में योगी आदित्यनाथ और देश के गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के भीतर चार जिलों का दौरा कर रहे हैं। वारणसी, आजमगढ़, बस्ती के बाद गोरखपुर का कार्यक्रम तय किया गया है। आजमगढ़ पहुंचकर योगी आदित्यनाथ ने साल 2007 की उस घटना को भी याद किया, जब सपा सरकार में उन पर आजमगढ़ में ही जानलेवा हमला हुआ था। इसी के साथ आजमगढ़ से योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा संकेत भी दिया है।
आजमगढ़ ने भले ही दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री दिए हों, लोकसभा में सांसद चुन कर भेजे हों, लेकिन उनके कारण जनपद आजमगढ़ की पहचान धूमिल ही हुई है।
पहचान का संकट उन्होंने हमेशा खड़ा किया था। pic.twitter.com/BH1bXpziCb
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 13, 2021
आजमगढ़ बनेगा “आर्यमगढ़”?
दरअसल आजमगढ़ पहुंचकर योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के दौरान आजमगढ़ का नाम बदलने का संकेत दिया है। आपको बता दें कि केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जनपद आजमगढ़ में ₹108 करोड़ की लागत से बनने वाले ‘राज्य विश्वविद्यालय’ का शिलान्यास किया। इसी विश्व विद्यालय की चर्चा करते हुए योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ का नाम बदलने का संकेत दिया है। योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा कि आजमगढ़ का यह विश्वविद्यालय सचमुच में आजमगढ़ को आर्यमगढ़ बना ही देगा, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
आज जिस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गयी है, यह विश्वविद्यालय ‘आजमगढ़’ को सचमुच ”आर्यमगढ़” बना ही देगा, इसमें अब कोई संदेह होना ही नहीं चाहिए। pic.twitter.com/OgwQVUwqp9
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 13, 2021
योगी सरकार बदल सकती है आजमगढ़ का नाम!
योगी आदित्यनाथ के इसी बयान के बाद इस बात की चर्चा हो रही है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार आजमगढ़ का नाम भी बदल कर आर्यमगढ़ कर सकती है। सीएम योगी ने आगे कहा कि, हमें जानना चाहिए कि ये पहचान का संकट खड़ा करने वाले कौन लोग थे, ये वही लोग थे जो जाति के नाम पर बांटने वाले थे, लेकिन अपने परिवार के लिए भरने वाले थे।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी देश को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में सफल हुए हैं।
पिछले 07 वर्षों में आपने भारतवर्ष की इस बदलती हुई तस्वीर को देखा होगा… pic.twitter.com/8mpv4M6UaU
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 13, 2021
इसी के साथ योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में 2007 में हुए उनपर जानलेवा हमले की चर्चा करते हुए कहा कि आप याद कीजिए 2007 में यही आजमगढ़ में मुझ पर हमला हुआ था। उस समय जुबली नेशनल कॉलेज में अजीत राय की इसलिए हत्या हो जाती थी क्योंकि वह ABVP का कार्यकर्ता था और उसने कहा था कि वंदे मातरम का गायन गणतंत्र दिवस पर होना चाहिए। कॉलेज में ही प्रिसिंपल कार्यालय के पास ही उसकी हत्या हुई थी और एक महीने तक FIR तक दर्ज नहीं हुई थी।
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