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Bihar: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कांग्रेस पर तीखा हमला, बोले- डूबती नाव में जाता तो मुझे भी डुबो देते

पीके ने कहा कि उनकी टीम ने साल 2011 से 2021 के बीच 11 चुनाव लड़वाए थे और एक ही चुनाव हारे। हारे वो यूपी में और तब कांग्रेस के साथ थे। तभी से तय किया था कि कांग्रेस के साथ काम नहीं करूंगा, क्योंकि इन लोगों ने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया।

हाजीपुर। कांग्रेस से मामला न बन पाने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तमाम बातें कही थीं। अब उन्होंने कांग्रेस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। सोमवार को बिहार के हाजीपुर में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को डूबती नाव बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जो खुद तो सुधरती नहीं और हमें भी डुबो देगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस की वजह से उनका चुनाव जितवाने का ट्रैक रिकॉर्ड खराब हो गया। इसी वजह से उन्होंने फैसला किया कि कांग्रेस के साथ कभी काम नहीं करेंगे। पीके के नाम से मशहूर प्रशांत ने हालांकि कहा कि कांग्रेस का वो सम्मान करते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में कांग्रेस का साथ नहीं दे सकते।

sonia prashant kishore

पीके ने कहा कि उनकी टीम ने साल 2011 से 2021 के बीच 11 चुनाव लड़वाए थे और एक ही चुनाव हारे। हारे वो यूपी में और तब कांग्रेस के साथ थे। तभी से तय किया था कि कांग्रेस के साथ काम नहीं करूंगा, क्योंकि इन लोगों ने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया। बीजेपी के साथ वो आखिर क्यों नहीं रह पाए, इसका खुलासा भी प्रशांत ने किया। उन्होंने कहा कि युवा लड़का अगर सरकारी नौकरी कर रहा है, तो उसे सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। मैं सरकार में नहीं था, लेकिन कहा कि मौका मिले, तो 2 साल के लिए काम कर सकें। इसी पर पीएम नरेंद्र मोदी से मेरा मतभेद हो गया।

prashant kishore and modi

प्रशांत ने इसके बाद का अपना सियासी सफरनामा गिनाया। कहा कि साल 2015 में नीतीश कुमार ने बिहार आकर काम करने के लिए कहा। वहां बिहार विकास मिशन शुरू हुआ। कुछ युवाओं को नौकरी मिली, लेकिन मेरी इच्छा के मुताबिक नहीं हुआ, तो वहां से चला गया। फिर 2017 में पंजाब में जितवाया। 2019 में जगनमोहन रेड्डी के साथ गया, वो आंध्र प्रदेश में चुनाव जीते। 2021 में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के चुनाव जीते। इस दौरान 2017 में कांग्रेस के साथ गए और यूपी हारे। पीके ने कहा कि जब शर्त के मुताबिक बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 100 से नीचे 77 सीट पर रोक लिया, तो लगा कि ईश्वर का आशीर्वाद है। फिर सोचा कुछ नया करते हैं।