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Kanhaiya Kumar: कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को सौंपी NSUI की कमान , लग चुके हैं ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे लगाने के आरोप

Kanhaiya Kumar: कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गुलजार हो चुका है। कन्हैया कुमार पर भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे शर्मनाक नारे लगागे के भी आरोप लग चुके हैं। 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गुलजार हो चुका है। कन्हैया कुमार पर भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे शर्मनाक नारे लगागे के भी आरोप लग चुके हैं। इससे पहले कन्हैया जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जेएनयू छात्र संघ का अध्य़क्ष रहने के दौरान उन पर भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाने के आरोप लगे थे। साल 2019 में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य  समेत 10 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120बी के तहत आरोप दायर किया था, जिस पर कन्हैया ने कहा था कि मैं मोदी जी का धन्यवाद देता हूं। मतलब साफ है कि अगर तीन साल बाद  इस मामले में आरोपपत्र दायर किया गया है, तो स्पष्ट है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। आइए,. आगे आपको पूरा माजरा बताते हैं कि आखिर उस दिन हुआ क्या था, जिसे लेकर आज भी बीजेपी कन्हैया कुमार को निशाने पर लेती रहती है।

 

11 फरवरी 2016 को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे। जिसमें कथित तौर पर कन्हैया कुमार भी शामिल थे। इस मामले को लेकर वसंत कुंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद पुलिस ने कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था। वहीं, मामले में आरोपी उमर खालिद भूमिगत हो गया था। इसके अलावा कन्हैया और उमर खालिद के अलावा वनज्योत्स्ना लाहिड़ी, अनिर्बान भट्टाचार्य रुबीना सैफी, रामा नागा, आनंद और रेयाज़ उल हक का  नाम भी इसमें शामिल था।

वहीं, 3 मार्च 2016 में कन्हैया को 10 हजार के निजी मुचलके के बाद अंतरिम जमानत मिल गई थी। वहीं, इस मसले को लेकर आज भी कन्हैया को बीजेपी के कहर का शिकार होना पड़ता है। बता दें कि 2021 में कन्हैया ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इससे पहले सीपीआई की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।