
नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर आजकल मुगल बादशाह रहे औरंगजेब के खिलाफ माहौल बना हुआ है। ऐसे में उसकी तारीफ करना कांग्रेस नेता और हिंदू धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम की बेइज्जती का सबब बन गया। ट्विटर पर आचार्य प्रमोद ने औरंगजेब का नाम लेकर कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग पर अपने विचार रखे थे। इस पर यूजर्स भड़क गए। यूजर्स में से एक ने तो आचार्य प्रमोद का राक्षसों से कनेक्शन तक बता दिया। बता दें कि आचार्य प्रमोद पिछले कुछ दिनों से राज्यसभा चुनाव के टिकट बंटवारे पर कांग्रेस आलाकमान से अपनी नाराजगी जता रहे थे।
औरंगज़ेब की “हुकूमत”
में भी हिंदू इतना भयभीत नहीं था जितना आज कश्मीर में है. @manojsinha_ @AmitShah— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) June 3, 2022
पहले आपको बताते हैं कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने ट्वीट में क्या लिखा? आचार्य ने कश्मीर में टारगेट किलिंग पर लिखा, ‘औरंगजेब की हुकूमत में भी हिंदू इतना भयभीत नहीं था जितना आज कश्मीर में है।’ ये ट्वीट करते ही आचार्य प्रमोद पर यूजर्स राशन-पानी लेकर दौड़ पड़े। तरह-तरह से उनको फटकार लगाई, लेकिन एक यूजर ने उन्हें शुक्राचार्य तक कह दिया। बता दें कि शुक्राचार्य राक्षसों के गुरु थे। ऐसे में इस यूजर ने सिर्फ आचार्य प्रमोद की ही धुलाई नहीं की, कांग्रेस की तुलना भी राक्षसों से कर दी।
शुक्राचार्य जी शह तो आपकी पार्टी ही दे रही है उनको ।
— Arvind Mishra (@ArvindSarada) June 3, 2022
तमाम और यूजर्स की प्रतिक्रिया आचार्य प्रमोद के ट्वीट पर आने लगी। ज्यादातर ने औरंगजेब की तारीफ के बोल पर उनको जमकर फटकार लगाई। कई यूजर्स ने उन्हें मौलाना तक कह दिया। दरअसल, पिछले साल कांग्रेस नेता का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो पैगंबर मोहम्मद का नाम लेकर तारीफ करते हुए दिखे थे। अब औरंगजेब की तारीफ करना आचार्य प्रमोद के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। यूजर्स ने किस तरह उनकी लानत-मलामत की है, ये आप नीचे देख सकते हैं…
उसका कारण हिंदू वहाँ अल्पसंख्यक हे कुछ तो समझो मौलाना जी और जहाँ हिंदू बहुसंख्यक वहाँ कोई अल्पसंख्यक पलायन नही करता ये अंतर हे इस बीमारी का हल एक मिसाइल पाकिस्तान में और एक कश्मीर में और समस्या ख़त्म ।
— राष्ट्रवादी शिव पालीवाल (@ShivPaliwal5) June 3, 2022
आप जैसों की मेहरबानी है , अभी सख्ती की जाएगी तो मानवाधिकारों के लिए आपका सेकुलर गिरोह सड़कों पर आ जाएगा और यूएन तक पहुंचेगा।
— G N S Parmar (@govindsingh70) June 3, 2022
कांटों के पेड़ की जड़ें एक दिन में गहरी नहीं होतीं,सन् 1980 से लेकर सन् 1984(इंदिरा की हत्या)फिर सन् 1984 से सन् 1989 तक राजीव गांधी ने ( मम्मी और पुत्र दोनों दस वर्ष में )कश्मीर में मुस्लिम वोट के लिए आतंकवाद को इतना मजबूत कर दिया कि आज कश्मीर हिंदू विहीनहै
— Rishi Gupta (@RishiGu63548575) June 3, 2022
हिन्दू न औरंगजेब के जमाने में भयभीत था और न अब है। भयभीत तो वो हैं जिनकी राजनैतिक जीवन पतन की ओर है और वो आतंकवाद के सहारे इसे खडा करने की नापाक कोशिश कर रहे हैं।
हिन्दूओं के जुलूसों पर पत्थर, टार्गेटेड किलिंग, संवाधनिक संस्थाओं का मजाक उड़ाने वाले , खुद भयभीत हैं।— Ashish Kumar Sharma (@Ashish10855) June 3, 2022
स्वघोषित आचार्य!आज तुमने दुनिया का सबसे बड़ा झूठ बोला है। हिन्दुओं के कुल कलंक हो तुम। जनता कहती है कि तुम औरंगजेब के ही वंशज हो। औरंगजेब का गुणगान ( महिमा मंडन)इतना अधिक आज तक पूरी दुनिया में किसी और ने नहीं किया है।
— Amrendra Kumar Lal (@lal_amrendra) June 3, 2022