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Delhi: गांधी खानदान ने कांग्रेस के एक और बड़े नेता को लगाया किनारे, राज्यसभा में ऐसे छलका आनंद शर्मा का दर्द

पहले राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस सांसदों के दल के नेता थे। जब वो पिछले साल रिटायर हुए, तो कांग्रेस ने दोबारा उन्हें सांसद बनाकर नहीं भेजा। गुलाम नबी भी जी-23 के नेताओं में शामिल थे। उन्होंने भी गांधी खानदान से पूछा था कि आखिर कांग्रेस को स्थायी अध्यक्ष क्यों नहीं मिल रहा है ?

नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद के बाद अब कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने भी गांधी खानदान यानी कांग्रेस आलाकमान से दूरी बढ़ने के संकेत सार्वजनिक तौर पर दिए हैं। सोमवार को राज्यसभा में आनंद शर्मा ने कहा कि शायद आज का बयान इस सदन में उनका आखिरी बयान होगा। आनंद शर्मा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बहस में अपनी बात रख रहे थे। शर्मा ने कहा कि साल 1962 में चीन से पराजय के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने किस तरह नेहरू सरकार को घेरा था और जमकर बहस हुई थी। इसी दौरान उन्होंने कहा, ‘शायद यह मेरा अंतिम वक्तव्य है।’ बता दें कि आनंद शर्मा कांग्रेस के उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस चलाने के गांधी परिवार के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।

Ghulam Nabi Azad

आनंद शर्मा ने आखिर क्यों कहा कि राज्यसभा में शायद उनका ये अंतिम बयान है ? इसकी वजह ये है कि पहले राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस सांसदों के दल के नेता थे। जब वो पिछले साल रिटायर हुए, तो कांग्रेस ने दोबारा उन्हें सांसद बनाकर नहीं भेजा। गुलाम नबी भी जी-23 के नेताओं में शामिल थे। उन्होंने भी गांधी खानदान से पूछा था कि आखिर कांग्रेस को स्थायी अध्यक्ष क्यों नहीं मिल रहा है ? माना जा रहा है कि इसी से नाराज होकर गुलाम नबी को दोबारा पार्टी ने सांसद नहीं बनाया। इसी तरह आनंद शर्मा भी अब रिटायर होने वाले हैं और उन्हें भी शायद लग गया है कि पार्टी फिर उन्हें संसद में नहीं भेजेगी।

manish tiwari and kapil sibbal

गांधी खानदान खुद पर उठे सवालों से इतना नाराज है कि वो जी-23 नेताओं को दरकिनार करने में जुटा है। हाल ही में पार्टी ने चुनाव आयोग को पंजाब में अपने स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट भेजी, उसमें पंजाब से सांसद मनीष तिवारी का नाम नहीं है। मनीष तिवारी ने इस पर बाकायदा तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि अगर लिस्ट में उनका नाम होता, तो उन्हें हैरत होती। इसी तरह कांग्रेस ने आलाकमान के कामकाज के तौर-तरीकों पर सवाल उठाने वाले पार्टी के एक और बड़े नेता और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल को भी किनारे कर रखा है। कपिल सिब्बल भी कई बार ट्वीट के जरिए अपनी व्यथा सार्वजनिक तौर पर रख चुके हैं।