नई दिल्ली। आज फिर से दो साल बाद गलवान पार्ट-2 चीन ने दोहराने की कोशिश की, लेकन चीनी सैनिकों को भारत की तरफ से मुंहतोड़ जवाब मिला। चीन की हालत पस्त हो चुकी है। बता दें, अरूणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें भारत के 6 जवानों के घायल होने की खबर है। जिन्हें उपचार हेतु गुवाहाटी भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में चीन को ज्यादा नुकसान हुआ है।
On 9th Dec 2022, PLA troops contacted the LAC in Tawang Sector of Arunachal Pradesh which was contested by Indian troops in a firm and resolute manner. This face-off led to minor injuries to a few personnel from both sides. Both sides immediately disengaged from the area: Sources pic.twitter.com/vQLXcM3xLS
— ANI (@ANI) December 12, 2022
खबर है कि चीन के 30 सैनिक घायल हो गए। उधर, इस झड़प को लेकर भारत में राजनीति गरमा गई है। सभी विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। ओवैसी के बाद अब कांग्रेस ने अधिकृत रूप से इस झड़प को लेकर बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि, अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है। वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है।
वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
— Congress (@INCIndia) December 12, 2022
ध्यान रहे इससे पहले ओवैसी ने भी इस झड़प को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। जिसमें उन्होंने लगातार तीन ट्वीट किए थे। अपने ट्वीट में ओवैसी ने कहा था कि, ‘अरूणाचल में स्थिति भयावह बनी हुई है। भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई है, लेकिन सरकार ने सभी लोगों को अंधेरे में रखा। आखिर क्यों इसे संसद के सत्र में सूचित नहीं किया गया। जब वर्तमान में संसद का सत्र चल रहा है। इसके अलावा ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि झड़प को लेकर अभी अधूरी जानकारी सामने आई है। आखिर इस झड़प के पीछे की वजह क्या है ? क्या इस झड़प में फायरिंग जैसा कदम भी उठाया गया या फिर गलवान जैसी स्थिति ही देखने को मिली? आखिर इस झड़प में कितने सैनिक घायल हुए हैं ? उन सैनिकों की हालत कैसी है ? आखिर क्यों संसद चीन को कड़े संदेश देने के लिए लोगों की सहायता प्राप्त कर सकती है ?
इसके साथ ही ओवैसी ने अपने आखिरी ट्वीट में कहा कि भारतीय सैनिक चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन यह मोदी सरकार की कमजोर नेतृत्व का ही नतीजा है कि आज चीन-भारत सैनिकों के बीच झड़प जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। इस पर संसद में आवश्यक चर्चा होनी चाहिए। मैं इस मसले पर कल संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।
बता दें, इससे पहले गलवान में भी चीनी-भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें ड्रैगन को ही मुंह की खानी पड़ी थी। बता दें, ड्रैगन के कई सैनिक मारे गए थे। लेकिन शी जिनपिंग ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात पूरी दुनिया से छुपाए रखी थी। हालांकि, बाद में कई अंतरराष्टीय एजेंसियों ने चीन के इस झूठ का पर्दाफाश किया था।