newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

J&K: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, महाराजा हरि सिंह के पोते ने दिया इस्तीफा, पार्टी को लेकर कही दो-टूक बात

J&K: विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया है। सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। सिंह का कहना है कि पार्टी जमीनी हकीकत से बहुत दूर है..पार्टी से विचार भी अब मेल  नहीं खाते हैं।

नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के सदमे से कांग्रेस अभी उभरी नहीं थी कि पार्टी को अब एक और बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह के बेटे और जम्मू कश्मीर के महाराजा रहे हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया है। सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। सिंह का कहना है कि पार्टी जमीनी हकीकत से बहुत दूर है..पार्टी से विचार भी अब मेल  नहीं खाते हैं।

नहीं मिलते कांग्रेस से मेरे विचार- सिंह

अपने इस्तीफे की जानकारी सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए भी दी है। उन्होंने अपना इस्तीफा पोस्ट कर कैप्शन में लिखा- मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफा देता हूं। जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी स्थिति जो राष्ट्रीय हितों को दर्शाती है वो कांग्रेस पार्टी के साथ मेल नहीं खाते हैं। @INCIndia जमीनी हकीकत से जुदा रहता है। अपने इस्तीफे में सिंह ने लिखा-“मेरा मानना ​​है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं को महसूस करने में असमर्थ रही है। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह जम्मू कश्मीर के राजा रहे हरी सिंह के पोते हैं। उनके पिता कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह के बेटे भी हैं।


जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा रहे हैं मुखर

ये बात तो सभी जानते है कि विक्रमादित्य सिंह पार्टी में पहले से ही अपने मुखर विचारों के लिए जाने जाते हैं। जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए वो हमेशा से ही जमीनी स्तर पर आवाज उठाते रहे हैं। हाल ही में सिंह ने कश्मीरी में हुए नरसंहार पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ‘कश्मीर में जो हुआ वह नरसंहार से कम नहीं था। कश्मीर, डोडा, भद्रवाह और किश्तवाड़ के हिंदुओं को मारकर उनकी मातृभूमि से निकाल दिया गया.. मैं 1989 में श्रीनगर में था। उसके बाद मेरे परिवार को अपूरणीय क्षति हुई। सैकड़ों की जान चली गई।’