नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी के तेवरों के आगे कांग्रेस समेत बाकी विपक्षी दल दंडवत की मुद्रा में आ गए हैं। दिल्ली में विपक्षी एकता को लेकर मंगलवार को हुई बैठक से इसके संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की फिलहाल अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर विपक्षी नेताओं की बैठक हुई। बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा तो हुई, लेकिन सबसे ज्यादा वक्त इस पर लगा कि ममता को किस तरह समझाया और मनाया जाए। सूत्रों के मुताबिक ममता को मनाने के लिए जल्दी ही एनसीपी के नेता शरद पवार को कोलकाता भेजा जा सकता है।
बता दें कि ममता बनर्जी ने पिछले दिनों दिल्ली का दौरा किया था। इस दौरे में वो सोनिया गांधी से मिलने नहीं गई थीं। मीडिया ने सवाल पूछा, तो ममता ने कहा था कि संविधान में कहां लिखा है कि दिल्ली आने पर सोनिया से मिलना जरूरी है। इसके बाद मुंबई में उन्होंने कहा था कि यूपीए नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने बिना कांग्रेस को लिए विपक्ष की एकता की बात कही थी। इसके बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में संपादकीय लिखा था। इसमें शिवसेना ने लिखा था कि कांग्रेस के बगैर मोदी विरोधी विपक्ष के बारे में सोचा नहीं जा सकता।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में क्षेत्रीय दलों के बारे में चर्चा हुई और मोदी सरकार के खिलाफ साझा रणनीति बनाने पर भी नेताओं ने आपस में विचार बांटे। तय ये हुआ है कि अपने राज्य में मजबूत प्रादेशिक दल बीजेपी के खिलाफ मजबूती से मुकाबला करने की पूरी तैयारी करेंगे। इस बैठक में शरद पवार के अलावा शिवसेना से संजय राउत, डीएमके से टीआर बालू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला, कांग्रेस से राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। अब विपक्षी एकता की ये नाव किस तरह ममता को भी सवार कराती है, इस पर सबकी नजरें हैं, लेकिन ममता के बीते दिनों के तेवर देखकर लगता नहीं है कि वो फिलहाल इस नाव पर सवार होने के लिए तैयार होंगी।