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Yog Divas: योग को धर्म से जोड़कर देखने वाले लोगों को उलेमाओं ने दिया मुंहतोड़ जवाब कहा- योग तो इस्लाम का….

Ulema’s big statement on yoga :जनपद के उलेमाओं  ने लोगों को जाति-धर्म से दूर हटकर लोगों से योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की है, जिमसें उन्होंने कहा कि आप योग कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए हितकर है। वहीं, उन्होंने आगे कहा कि जो इसे धार्मिक लिबाज में लपेटने का काम करते हैं, उन लोगों से, मैं कह देना चाहता हूं कि इस्लाम उन सभी गतिविधियों को करने की पूरी स्वतंत्रता देता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो।

नई दिल्ली। निश्चित तौर पर केंद्र की मोदी सरकार ने योग को वैश्विक मंच पर ख्याति दिलाने हेतु सराहनीय प्रयास किए हैं। आज भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के कई अन्य देश योग से होने वाले दीर्घकालीन फायदों को ध्यान में रखते हुए इसे स्वीकार्य कर रहे हैं। यही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खुद सामने आकर लोगों को योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की ताकीद की है। एक आंकड़े के मुताबिक, 170 से भी अधिक देश योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना चुके हैं, जिसमें ईसाई समेत मुस्लिम देश शामिल हैं, लेकिन इस बीच कुछ लोगों को वैश्विक मंच पर बढ़ती योग की व्यापकता रास नहीं आती है और वो इसे संकुचित बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन, इस बीच कुछ ऐसे लोग भी अपने बयानों को लेकर प्रकाश में आए हैं, जो लोगों से योग को स्वीकार्य करने की अपील कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में से एक मुरादबाद के उलेमा हैं।

Internation yoga day: योग बेहतरीन चीज, मजहब से जोड़कर न देखा जाए: मुस्लिम  धर्मगुरु - muslim cleric said not link yogo to any religion | Navbharat  Timesआप यह जानकर हर्षित होंगे कि जिले के एक नहीं, दो नहीं, तीन भी नहीं, बल्कि कई उलेमाओं ने सार्वजनिक मंच से लोगों से योग को स्वीकार्य करने की अपील की है, जो कि उन सभी लोगों के लिए भी परोक्ष रूप से एक करारा जवाब है, जो योग को धार्मिक लिबास में लपेटकर इसे संकुचित करने का कुकृत्य करते हैं। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर जिले के उलेमाओं ने क्या कुछ कहा है।

उलेमाओं ने क्या कुछ कहा है?

आपको बता दें कि जनपद के उलेमाओं  ने लोगों को जाति-धर्म से दूर हटकर लोगों से योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की है, जिमसें उन्होंने कहा कि आप योग कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए हितकर है। वहीं, उन्होंने आगे कहा कि जो इसे धार्मिक लिबाज में लपेटने का काम करते हैं, उन लोगों से, मैं कह देना चाहता हूं कि इस्लाम उन सभी गतिविधियों को करने की पूरी स्वतंत्रता देता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो। उलेमाओं ने कहा कि नमाज में योग भी शामिल है, लेकिन कई लोग इससे अनिभिज्ञ हैं। उधर, उलेमाओं के इस अपील के उपरांत जिले में कई जगह लोग योग करते हुए दिखें। यहां तक यह भी दावा किया गया है कि जिले में काफी संख्या में लोगों ने योग किया है।

बता दें कि प्रतिवर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर सभी लोग योग करते हैं और दूसरों को भी अपने स्वास्थ्य के लाभ को ध्यान में रखते हुए योग करने की अपील करते हैं। ऐसे में बतौर पाठक आपका योग दिवस के मौके पर उलेमाओं द्वारा की गई इस अपील पर आपका क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम