नई दिल्ली। हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। यूपी एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया। साथ ही मामले 2 मौलाना को धर दबोचा था। बता दें कि यूपी एटीएस की टीम ने सोमवार को मुफ्ती काजी जहांगीर, मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार किया था। दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले है। इसकी जानकारी खुद यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए दी थी। वहीं धर्मांतरण के धंधेबाजों पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मामले में आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। साथ ही सीएम योगी ने आरोपियों की प्रॉपर्टी जब्त करने के भी आदेश दे दिए।
जानिए, कैसे मन्नू यादव को बनाया गया अब्दुल मन्नान-
इस बीच धर्मांतरण मामले में अब हर रोज नए खुलासे हो रहे है। इसी क्रम में एक बड़ी जानकारी सामने आई है। खास बात ये है कि धर्म परिवर्तन के जरिए चल रहे जेहाद ने किस तरह मूक बधिर को अपना निशाना बनाया है। इनमें से एक है मन्नू यादव। 22 साल का मन्नू यादव कैसे एक एफिडेविट के जरिए अब्दुल मन्नान बना दिया गया। गौर करने वाली बात ये है कि मन्नू यादव मूक बधिर है यानी न वो बोल सकता है और न वो सुन सकता है। लेकिन धर्मांतरण के धंधेबाजों ने पैसे का लालच देकर मूक बधिर मन्नू यादव को अब्दुल मन्नान बना दिया।
मन्नू यादव का सर्टिफिकेट सामने आया है, जिसके मुताबिक मन्नू यादव को इसी साल 11 जनवरी को अब्दुल मन्नान बन गया। मन्नू यादव के धर्म परिवर्तन के प्रमाणपत्र को आप धर्म परिवर्तन के जेहाद का पहला सर्टिफिकेट भी कह सकते हैं। लेकिन इस सर्टिफिकेट को देखकर कई चौंकाने बात सामने आई है। दरअसल सर्टिफिकेट को जारी करने की तारीख अलग-अलग लिखी गई है। ये तारीख एक नहीं दो-दो जगह आप इन सर्टिफिकेट देख सकते है।
यूपी एटीएस की बड़ी कामयाबी, धर्मांतरण के रैकेट का पर्दाफाश, करीब 1000 लोगों के धर्म बदलवाने का आरोप, दो मौलाना गिरफ्तार @Uppolice pic.twitter.com/Hjc8c4OJNB
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) June 21, 2021
सर्टिफिकेट में लिखा है कि मन्नू यादव ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया है और अब से उसका नाम अब्दुल मन्नान हो गया है। इसमें काजी के हस्ताक्षर और Islamic Dawah Center की मुहर लगी हुई है और इसमें लिखा है कि ये प्रमाणपत्र जिले के SDM या नोटरी एफिडेविट के आधार पर जारी किया गया है।