लखनऊ। देशभर से हमेशा एक ही तस्वीर राजनीतिक दलों के नेताओं के आवास की हो या फिर सीएम आवास की, प्रधानमंत्री आवास की हो या फिर राष्ट्रपति भवन की हमेशा से ही रोजा इफ्तार करते नेताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब धमाल करती थी। लेकिन अब सबकुछ बदला है। इसे इस तौर पर लेना चाहिए कि लखनऊ के जिस सीएम आवास से पहले रोजा इफ्तार की तस्वीरें जारी होती थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के आने के बाद वहां प्रकाश पर्व की भी धूम होती है और अन्य त्यौहारों की भी। आज इसी को लेकर तस्वीरें खूब वायरल हो रही है। जिसकी लोग तारीफ भी कर रहे हैं। इससे पहले पिछले साल भी लखनऊ के सीएम आवास पर गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश उत्सव धूमधाम से मना था।
इन तस्वीरों के जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परमिंदर सिंह ने कहा कि आज का दिवस मातृभूमि, देश और धर्म के लिए अग्नि शहादत देने वाले गुरु पुत्रों और गुरु माता के प्रति नमन का दिवस है। पिछली सरकारों में सीएम आवास पर सिर्फ रोजा इफ्तार के कार्यक्रम हुआ करते थे, लेकिन योगी राज में सीएम आवास पर गुरुवाणी और कीर्तन होते हैं। अब साहिबजादा दिवस का आयोजन हर साल होगा। पिछले साल भी मुख्यमंत्री आवास पर गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर आज अलग ही नजारा था। सीएम आवास एक तरफ सबद कीर्तन और बोले सो निहाल सत श्री अकाल से गुंजायमान हो रहा था, तो दूसरी तरफ भगवा रंग की पगड़ी पहने सीएम योगी ने सबसे पहले शीश नवाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर इससे पहले भी कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री आवास पर आज आयोजित साहिबजादा दिवस कार्यक्रम की मुक्त कंठ से सराहना हो रही है। सिख समुदाय के 10वें गुरु साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए पहली बार मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक समरसता और सद्भावना की अनूठी मिसाल पेश करते हुए सीएम आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन किया। जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री आवास पर भी गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों का बलिदान दिवस नहीं मनाया गया है।
इससे पूर्व सपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री आवास में रोजा इफ्तार और ईद मिलन के कार्यक्रम हुआ करते थे, लेकिन कभी भी बोले सो निहाल का उद्घोष नहीं हुआ और ना कभी इस तरह से सबद कीर्तन या अन्य कोई कार्यक्रम किया गया। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ साहिबजादा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया बल्कि मत्था भी टेका और सबद कीर्तन भी सुना। बसपा सरकार के दौरान भी रोजा इफ्तार और ईद मिलन का कार्यक्रम एक निजी होटल में आयोजित किया जाता था, लेकिन अन्य किसी धर्म से संबंधित कार्यक्रम सीएम आवास पर नहीं होते थे।
पिछली सरकारों पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर कई बार तुष्टीकरण के आरोप लगे हैं। लोगों को इस बात का मलाल रहता था कि इतने उत्साह से उनके धर्म के कार्यक्रमों का आयोजन क्यों नहीं किया जाता?, जितना दूसरे धर्मों के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर किया जाता है। इस बात को लेकर लोगों में काफी गुस्सा भी रहता था।