नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 17,656 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर 559 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इनमें से कोविड-19 के कुल 14,255 सक्रिय मामलें हैं और 2841 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं और इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। एक व्यक्ति अन्य देश चला गया है और 559 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है। यहां 4203 लोग इस महामारी से संक्रमित हैं। इसके बाद दिल्ली में कुल 2003 और गुजरात में कुल 1851 मामले सामने आए हैं।
लॉकडाउन से पहले कोरोना केस डबल होने में लग रहे थे 3.4 दिन, अब लग रहा है इतना समय
भारत में कई लोग लॉकडाउन की वजह से घरों से दूर फंसे हुए हैं। कई लोग क्वारन्टीन सेंटर में अपने परिजनों से दूर कैद हैं। इसके बावजूद भी लोग पेरशानी उठाकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंशिंग का पालन कर रहे हैं तो इसका क्या परिणाम होगा ये जानकर आप खुश हो जाएंगे।
केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार कम हो गई है और मरीजों के डबलिंग रेट में काफी हद तक सुधार हुआ है। लॉकडाउन से पहले औसतन 3.4 दिन में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाती थी तो अब इसमें 7.5 दिन लग रहा है। 18 राज्यों का प्रदर्शन तो राष्ट्रीय औसत से भी बहुत बेहतर है। देश के दो राज्यों में यह औसत 1 महीने से अधिक का है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार 9 राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी तक पहुंचने में 8 से 20 दिन का समय लग रहा है, जबकि 7 राज्यों में यह औसत 20 से 30 दिनों का समय है। केरल और ओडिशा दो ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना मरीजों की संख्या 30 दिन से अधिक समय में दोगुनी हो रही है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार कोरोना के खिलाफ एक सामूहिक लड़ाई के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम कर रही है। गौर करने वाली बात ये है कि इस लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।