नई दिल्ली। एक तरफ कांग्रेस 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में सिर्फ तेलंगाना को जीत सकी और इसकी वजह से लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में उसका दावा कमजोर हुआ है। वहीं, कांग्रेस के सामने अब दूसरी मुश्किल वामदलों ने खड़ी कर दी है। वामदलों का कहना है कि राहुल गांधी को केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़कर कहीं और से चुनाव लड़ना चाहिए। राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड और अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। अमेठी में राहुल को स्मृति इरानी ने घनघोर पराजय दी थी। वहीं, केरल की वायनाड सीट से राहुल सांसद चुन लिए गए थे। एबीपी न्यूज के मुताबिक सीपीआई ने अब मांग कर दी है कि राहुल गांधी वायनाड की जगह किसी और सीट से लोकसभा चुनाव लड़ें। सीपीआई के हवाले से न्यूज चैनल ने बताया कि वामदलों ने कहा है कि अगर राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ते हैं, तो ये इंडिया गठबंधन के लिए ठीक नहीं रहेगा।
सीपीआई का कहना है कि वायनाड उसकी परंपरागत लोकसभा सीट है। इसी वजह से राहुल को अगला चुनाव यहां से नहीं लड़ना चाहिए। एबीपी न्यूज का ये भी दावा है कि सीपीआई तो ये चाहती है कि राहुल गांधी सिर्फ वायनाड ही नहीं, केरल से बाहर जाकर चुनाव लड़ें। सीपीआई का कहना है कि राहुल गांधी को ऐसी सीट से लड़ना चाहिए, जहां बीजेपी से कांग्रेस की सीधी जंग हो। सीपीआई की तरफ से वायनाड सीट को लेकर की गई इस मांग का समर्थन केरल में सत्तारूढ़ वामदलों में शामिल सीपीएम ने भी किया है। राहुल गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव में वायनाड सीट पर 4 लाख से ज्यादा वोट लिए थे। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट पर कांग्रेस ने सीपीआई को हराया था। जबकि, उससे पहले 2009 में वायनाड सीट पर कांग्रेस ही जीती थी। इसलिए सीपीआई के वायनाड पर दावे को कांग्रेस नकार भी सकती है और इससे केरल में वामदलों के साथ कांग्रेस का टकराव और बढ़ सकता है।
बात अगर केरल की करें, तो कांग्रेस ने 2019 में 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था औऱ 15 सीटें जीत ली थीं। अब सीपीआई और सीपीएम चाहती हैं कि राहुल गांधी केरल से दूर किसी और राज्य जाकर वहां लोकसभा चुनाव लड़ें। अगर राहुल गांधी और कांग्रेस ऐसा करते हैं, तो केरल में कांग्रेस के लिए दिक्कत बढ़ सकती है। राहुल गांधी की वजह से तमाम सीटों पर कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में दबदबा दिखाया था। अब अगर राहुल ने केरल छोड़ा, तो इन सीटों पर कांग्रेस को जीत दर्ज करने में दिक्कत होने के आसार हैं।